डोनाल्ड ट्रंप ने बेंजामिन नेतन्याहू को निशाना बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट पर प्रतिबंध लगाया
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का समर्थन करते हुए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ट्रंप द्वारा हस्ताक्षर किए गए कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि कोर्ट ने नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करके "अपनी शक्ति का दुरुपयोग" किया है।
बता दें, ट्रंप ने यह निर्णय पिछले दिनों अमेरिका दौरे पर आए नेतन्याहू से व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद लिया है।
आदेश
ट्रंप ने आदेश में क्या कहा?
ट्रंप ने आदेश में कहा है कि कोर्ट ने अमेरिका और उसके सहयोगी इजरायल को निशाना बनाकर अवैध और निराधार कार्यवाहियां की है।
इसमें अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक और गाजा में इजरायली सैनिकों द्वारा कथित युद्ध अपराधों की जांच का भी उल्लेख किया गया है।
राष्ट्रपति ने ICC अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कोर्ट की जांच में मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति की संपत्ति जब्त करने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
विवाद
क्या है मामला?
ICC ने 21 नवंबर को नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलांट और हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद देइफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
ये वारंट मई में ICC अभियोजक करीम खान द्वारा आवेदन के बाद स्वीकृत किए गए थे, जो 8 अक्टूबर, 2023 से लेकर 20 मई, 2024 तक मानवता के विरुद्ध अपराधों और युद्ध अपराधों के लिए थे।
उस समय तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू के खिलाफ 'अपमानजनक' वारंट की कड़ी निंदा की थी।
प्रतिबंध
अमेरिकी सदन भी लगा चुका है प्रतिबंध
ट्रंप ने यह आदेश तब दिया, जब पिछले महीने अमेरिकी सदन ने ICC पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक पारित किया था। हालांकि, सीनेट के डेमोक्रेट सदस्यों ने विधेयक रोक दिया।
सीनेट का कहना था कि यह अमेरिकी सहयोगियों और फर्मों के खिलाफ़ उल्टा पड़ सकता है। हालांकि, डेमोक्रेट्स ने भी नेतन्याहू पर लगाए प्रतिबंधों पर नाराजगी जताई थी।
अब राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश से ICC के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
प्रतिबंध
ट्रंप ने भी लगाया था प्रतिबंध
ट्रंप ने 2020 में अपने पहले कार्यकाल में ICC के तत्कालीन अभियोजक फतौ बेन्सौदा (करीम खान से पहले) समेत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर वित्तीय और वीजा प्रतिबंध लगाए थे।
बेन्सौदा ने अफगानिस्तान में अमेरिका सहित सभी पक्षों द्वारा किए युद्ध अपराधों की जांच शुरू करने का फैसला लिया था। ट्रंप ने 'कंगारू कोर्ट' बताया था।
इसके बाद आए राष्ट्रपति बाइडन ने प्रतिबंध हटाए। इसके बाद अभियोजक खान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन युद्ध अपराधों का आरोप लगाया।
संबंध
ICC और अमेरिका के बीच संबंध जटिल हैं
ICC के साथ अमेरिका के संबंध काफी जटिल हैं।
अमेरिका ने ICC के लिए उन वार्ताओं ने भाग लिया, जिसमें रोम संविधि को अपनाया गया था। इस संविधि ने कोर्ट को युद्ध अपराध, मानवता-नरसंहार के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अंतिम उपाय के रूप में स्थापित किया।
लेकिन अमेरिका ने 1998 में रोम संविधि के खिलाफ मतदान किया। तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 2000 में इस संविधि पर हस्ताक्षर किए, लेकिन अनुमोदन के लिए सीनेट के पास नहीं भेजा।
जानकारी
क्या है ICC?
ICC की स्थापना 2002 में हुई। यह रोम संविधि के तहत कार्य करता है। इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में है। इसमें 124 देश शामिल हैं, लेकिन 43 देशों ने इसकी संधि पर न हस्ताक्षर किए और न संगठन में है। अमेरिका-इजरायल इसके सदस्य नहीं।