कुलभूषण जाधव को छोड़ने को तैयार है पाकिस्तान, भारत के सामने रखी यह शर्त
कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान जाधव को भारत वापस भेजने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। 'फर्स्ट पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत आधिकारिक तौर पर ये स्वीकार कर लेता है कि जाधव जासूसी में लिप्त था, तो पाकिस्तान उसे भारत वापस भेज सकता है। पाकिस्तान सरकार के करीबी स्त्रोत के हवाले से वेबसाइट ने ये बात कही है।
सबसे पहले ICJ में दिया था ये प्रस्ताव
पाकिस्तान अन्य देशों को शामिल करके गुप्त राजनयिक प्रस्ताव के जरिए जाधव की भारत वापसी का ऑफर देना चाहता है। ICJ को 30 अक्टूबर 2017 को सौंपे गए अपने एक दस्तावेज में पाकिस्तान ने पहली बार जाधव के भारत प्रत्यर्पण का प्रस्ताव दिया था। इसमें कहा गया था कि अगर भारत ये मान लेता है कि जाधव जासूस है और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल था, तो वह उसका प्रत्यर्पण कर सकते हैं।
भारत ने ठुकरा दिया था पाकिस्तान का प्रस्ताव
उस समय ICJ में प्रस्ताव के बाद भारत ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। भारत ने इसे पाकिस्तान के भारत की सेना और खुफिया एजेंसियों को "बदनाम" करने की साजिश के तौर पर देखा था। 11 दिसंबर 2017 को दिखे अपने जवाब में भारत ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को प्रोपगैंडा बताया था और कहा था कि उन्हें भरोसा है कि जाधव ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिसके लिए उसे सजा हो।
पाकिस्तान की FIR में है भारत के डोभाल समेत शीर्ष अधिकारियों के नाम
बता दें कि 6 सितंबर 2017 को जाधव के खिलाफ दर्ज की गई पहली FIR में पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, पूर्व नौसेना प्रमुख सुरेश मेहता और पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी का नाम शामिल था।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा, हम सैन्य संकट का खतरा नहीं उठा सकते
रिपोर्ट के अनुसार, फांसी की सजा के बावजूद जाधव को किसी जेल की बजाय रावलपिंडी में ISI की देखरेख में रखा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आशा जताई है कि इस प्रस्ताव से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आएगा। उन्होंने कहा, "सेना समझती है कि वह भारत के साथ एक और सैन्य संकट का खतरा नहीं उठा सकती।" इधर भारत के अधिकारियों ने अपनी पुरानी स्थिति पर कायम रहने की बात कही है।
ICJ ने सुनाया था जाधव का काउंसलर एक्सेस देने का फैसला
बता दें कि कल ICJ ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने भारत और कुलभूषण जाधव के काउंसर अधिकारों का उल्लंघन किया, जो विएना संधि के तहत उन्हें प्राप्त होते हैं। ICJ ने इसके बाद पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करने का आदेश दिया। कोर्ट ने विएना संधि के उल्लंघन के मद्देनजर पाकिस्तान को जाधव की सजा पर प्रभावी समीक्षा और दोबारा विचार करने को कहा। तब तक उसकी फांसी पर रोक रहेगी।
क्या है कुलभूषण जाधव का पूरा मामला?
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में जासूसी के लिए कुलभूषण जाधव को पकड़ने का दावा किया था। अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई। भारत ने जाधव को भारतीय नागरिक तो माना, लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया। भारत का पक्ष है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार चलाते थे, यहां से पाकिस्तान ने उनका अपहरण किया। भारत ने ही मामले में ICJ में अपील की थी।