
डोनाल्ड ट्रंप के आदेश का असर, भारत में सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा करेगा अमेरिकी मिशन
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका द्वारा विदेश में चलाए जा रहे सहायता कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। इसका असर भारत में भी दिखाई दे सकता है।
भारत में काम कर रहे अमेरिकी मिशन ने आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा करना शुरू कर दिया है। इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़े कई अमेरिका समर्थित कार्यक्रमों पर असर पड़ने की संभावना है।
बयान
अमेरिकी दूतावास प्रवक्ता ने कहा- कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे
इंडियन एक्स्प्रेस ने जब अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता पूछा कि क्या ट्रंप के आदेश से भारत सहायता कार्यक्रमों पर असर पड़ सकता है तो उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा कर रहे हैं कि हमारे मौजूदा अनुदान कार्यकारी आदेशों का अनुपालन करते हैं।"
बता दें कि USAID अमेरिकी सरकार की फीड द फ्यूचर, ग्लोबल हेल्थ और ग्लोबल क्लाइमेट चेंज पहलों के माध्यम से अहम चुनौतियों के समाधान के लिए भारत सरकार के साथ काम करता है।
आदेश
ट्रंप ने क्या आदेश दिया था?
24 जनवरी को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अमेरिकी अधिकारियों और दूतावासों को एक मेमो भेज तत्काल विदेशों को दी जा रही मदद पर रोक लगाने को कहा था।
आदेश में कहा गया था कि वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कानून द्वारा स्वीकृत अधिकतम सीमा तक विदेशी सहायता के लिए कोई नई योजना नहीं बनाई जाएगी, जब तक कि विदेश मंत्री रुबियो समीक्षा के बाद कोई निर्णय नहीं लेते।
असर
भारत में किन कार्यक्रमों पर पड़ सकता है असर?
USAID सरकार और निजी उद्यमों के साथ मिलकर बाल और मातृ मृत्यु को कम करने और AIDS और टीबी को खत्म करने के लिए कई कार्यक्रम चलाता है।
फीड द फ्यूचर पहल के तहत USAID भारत में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने वाले कार्यक्रम चलाता है।
USAID स्थानीय हितधारकों के साथ मिलकर भारत के जंगलों के माध्यम से उत्सर्जन को कम करने और कार्बन पृथक्करण को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
विशेषज्ञ
क्या कह रहे हैं जानकार?
USAID के एक पूर्व अधिकारी जेरेमी कोनिंडिक ने कहा, "यह पागलपन है। इससे लोगों की मौत हो जाएगी। अगर आदेश को लिखे अनुसार लागू किया गया तो बहुत से लोग मर जाएंगे। ये विदेशी सहायता कार्यक्रम की प्रभावशीलता की ईमानदारी से समीक्षा करने के लिए एक नेकनीयती भरा प्रयास नहीं माना जा सकता। यह बस एक विध्वंसक प्रयास है, ताकि जितना संभव हो सके, उतना कुछ नष्ट किया जा सके।"