
कुलभूषण जाधव मामले में भारत की बड़ी जीत, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने की मौत की सजा निलंबित
क्या है खबर?
पाकिस्तान की कैद में बंद भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने बुधवार को भारत के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।
ICJ ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करने को कहा है।
इसका मतलब ये कि अब भारतीय अधिकारी जाधव से मिल सकेंगे और पाकिस्तान उन्हें रोक नहीं सकेगा।
कोर्ट ने पाकिस्तान में जाधव को मिली मौत की सजा को भी निलंबित कर दिया है।
जानकारी
पाकिस्तान को सजा पर दोबारा विचार करने को कहा
ICJ ने कुलभूषण जाधव के काउंसलर एक्सेस के अधिकार को मद्देनजर रखते हुए ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की प्रभावी समीक्षा करने और इस पर दोबारा विचार करने का आदेश भी दिया है।
ट्विटर पोस्ट
कुलभूषण जाधव मामले में भारत की बड़ी जीत
Relief for Kulbhushan Jadhav...Pak has to provide consular access to Jadhav...Brief win for India but still way to go..!!!#KulbhushanJadhav https://t.co/zCHJdViNKW
— Abhijeet Bonde (@Abhi_Bonde) July 17, 2019
आदेश
ICJ ने कहा, पाकिस्तान ने किया विएना समझौते का उल्लंघन
ICJ ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने भारत और कुलभूषण जाधव के काउंसर अधिकारों का उल्लंघन किया, जो विएना संधि के तहत उन्हें प्राप्त होते हैं।
कोर्ट ने कहा, "पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव तक पहुंच और उससे संवाद करने, जेल में उससे मिलने और उसके कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकार से भारत को वंचित किया। ऐसा करने पाकिस्तान ने काउंसर संबंधों पर विएना संधि के नियमों का उल्लंघन किया।"
भारत की मांगें
कोर्ट ने भारत की कुछ मांगों को भी किया खारिज
ICJ ने इसके बाद पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने विएना संधि के उल्लंघन के मद्देनजर पाकिस्तान को जाधव की सजा पर प्रभावी समीक्षा और दोबारा विचार करने को कहा।
हालांकि कोर्ट ने भारत की कई मांगों को भी खारिज कर दिया।
इनमें जाधव को मौत की सजा देने के पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई और सुरक्षित भारत वापसी शामिल है।
विएना संधि
क्या है विएना संधि जिसके तहत सुनाया गया फैसला?
संयुक्त राष्ट्र ने 1963 में विएना कन्वेंशन ऑन काउंसरल रिलेशन्स नाम से संधि बनाई थी।
इसके तहत मेजबान देश पर दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है।
इसके अलावा अगर कोई देश किसी विदेशी नागरिक को गिरफ्तार करता है तो इसकी सूचना गिरफ्तार व्यक्ति के देश के दूतावास को देनी होती है।
दूतावास को गिरफ्तारी की जगह, वजह और समय की जानकारी देनी जरूरी है। यानी गिरफ्तार व्यक्ति तक राजनयिक पहुंच सुनिश्चित करना मेजबान देश की जिम्मेदारी है।
पृष्ठभूमि
मार्च 2016 में पाकिस्तान ने किया था कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार
पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में जासूसी के लिए कुलभूषण जाधव को पकड़ने का दावा किया था।
भारत ने जाधव को भारतीय नागरिक तो माना, लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
भारत का पक्ष है कि जाधव ईरान में अपना कारोबार चलाते थे, यहां से पाकिस्तान ने उनका अपहरण किया।
इसके बाद पाकिस्तान ने जाधव का वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हैं।
घटनाक्रम
जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तान ने की थी बदसलूकी
अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई और उसे लेकर संयुक्त राष्ट्र को भी एक डोजियर सौंपा।
इसके जवाब में भारत ने मई 2017 में जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं दिए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अपील की और ICJ इसी मामले में सुनवाई कर रहा था।
दिसंबर 2017 में पाकिस्तान ने जाधव की मां और उनकी पत्नी को उनसे मिलने की इजाजत दी, लेकिन इस दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई।