100 से अधिक देशों में फैला डेल्टा वेरिएंट, WHO प्रमुख बोले- महामारी का बेहद खतरनाक दौर
भारत में तबाही मचा चुका कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा है कि दुनिया कोरोना महामारी के 'बेहद खतरनाक दौर' में है। उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट लगातार विकसित और म्यूटेंट होता जा रहा है और यह कई देशों में प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन चुका है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
क्यों खतरनाक है डेल्टा वेरिएंट?
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में संक्रमितों की बढ़ती संख्या के पीछे इसी वेरिएंट को वजह माना जा रहा है। सिंगापुर और ब्रिटेन में 90 प्रतिशत नए संक्रमितों में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हो रही है। अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने इस वेरिएंट को महामारी के खिलाफ उनके देश की लड़ाई के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी डेल्टा को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित कर चुका है।
वैक्सीनेशन ही उम्मीद की किरण
वैक्सीनेशन को इस समस्या का समाधान बताते हुए डॉ टेड्रोस ने कहा, "मैं नियमित तौर पर दुनियाभर के नेताओं से अपील करता आया हूं कि वो ये सुनिश्चित करें कि अगले साल के मध्य तक हर देश की 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन लग जाए।" उन्होंने कहा कि कुछ देश मिलकर इस दिशा में कदम उठाकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वैक्सीन का समान रूप से वितरण हो। वैक्सीन वितरण में असमानता चिंता का विषय बनी हुई है।
वैक्सीनेशन की दर में भारी अंतर- डॉ टेड्रोस
इससे पहले डॉ टेड्रोस ने कहा था कि वैक्सीन की पहुंच तक भारी असमानता से महामारी को बढ़ावा मिल रहा है। कुछ देशों ने आबादी के बड़े हिस्से को वैक्सीनेट कर दिया है तो कई देशों के पास स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को देने तक के लिए वैक्सीन नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश अपने लोगों को वैक्सीन नहीं लगा पा रहा है तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरे की बात है।
भारत में दूसरी लहर का कारण बना था डेल्टा वेरिएंट
भारत में अप्रैल-मई के दौरान महामारी की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई थी। सरकार के एक अध्ययन में पता चला कि दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट मुख्य तौर पर जिम्मेदार था। यह वेरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र में पाया गया था। मार्च से भारत में यह वेरिएंट तेजी से फैलना शुरू हुआ था और अप्रैल तक 60 प्रतिशत कोरोना संक्रमितों की सैंपल में यह वेरिएंट पाया जा रहा था। इस कारण संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी।
दुनियाभर में महामारी और वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 18.30 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 39.64 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.37 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 6.05 लाख लोगों की मौत हुई है। वैक्सीनेशन की बात करें तो ब्लूमबर्ग वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, पूरी दुनिया में अब तक तीन अरब से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं और इस मामले में चीन सबसे तेज है।