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    कोरोना वैक्सीन लेने के बाद बुजुर्गों के अस्पताल में भर्ती होने की 94 प्रतिशत कम संभावना

    कोरोना वैक्सीन लेने के बाद बुजुर्गों के अस्पताल में भर्ती होने की 94 प्रतिशत कम संभावना

    लेखन मुकुल तोमर
    Apr 29, 2021
    01:00 pm

    क्या है खबर?

    अमेरिका से कोरोना वायरस वैक्सीनों के प्रभावी होने का एक और सबूत सामने आया है। यहां एक स्टडी में पाया गया है कि वैक्सीन लगने के बाद 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 94 प्रतिशत घट जाती है।

    चूंकि 60 साल से अधिक आयु के लोगों के कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार होने और मरने की संभावना सबसे अधिक होती है, इसलिए यह आंकड़े राहत देने वाले हैं।

    नतीजे

    क्या रहे स्टडी के नतीजे?

    अमेरिकी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) द्वारा की गई स्टडी में 65 साल से अधिक उम्र के उन लोगों पर निगरानी रखी गई जिन्हें फाइजर और मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन लग चुकी थीं।

    इसमें पाया गया कि इस आयु वर्ग के जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लग गई थीं, उनके कोविड से अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 94 प्रतिशत कम रही। वहीं एक खुराक के बाद भर्ती होने की संभावना 64 प्रतिशत कम हो गई।

    प्रतिक्रिया

    विशेषज्ञों ने जताई नतीजों पर खुशी

    CDC के निदेशक रोचेल वालेंस्की ने स्टडी के नतीजों पर खुशी जताते हुए कहा, "नतीजे हमारे समुदाय और अस्पतालों के लिए अच्छे हैं। जैसे-जैसे वैक्सीनेशन के हमारे प्रयास बढ़ रहे हैं, कोविड-19 के मरीज स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी नहीं पड़ेंगे और इससे अस्पताल, बेड और अन्य सेवाएं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए उपलब्ध हो पाएंगे।"

    अन्य विशेषज्ञों ने भी नतीजों पर खुशी जताते हुए कहा है कि वैक्सीन लोगों को अस्पताल से दूर रखेगी।

    जानकारी

    अमेरिका में 68 प्रतिशत बुजुर्गों को लगी वैक्सीन की दोनों खुराकें

    बता दें कि गंभीर बीमारी और मौत की अधिक संभावना को देखते हुए अमेरिका में बुजुर्गों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई गई है। देश के 65 साल से अधिक उम्र के 68 प्रतिशत लोगों (3.7 करोड़) को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगा चुकी हैं।

    अन्य सबूत

    अन्य देशों से भी सामने आए हैं वैक्सीन के प्रभावी होने की सबूत

    गौरतलब है कि अमेरिका से पहले इजरायल और ब्रिटेन जैसे देशों से भी वैक्सीन के प्रभावी होने के सबूत आ चुके हैं। इजरायल की अधिकतर आबादी को फाइजर की वैक्सीन लगाई जा चुकी है और वहां मामले और मौतें 95 प्रतिशत कम हो गए हैं।

    वहीं ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में सामने आया कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनों की एक खुराक घर के अंदर ट्रांसमिशन के खतरे को 50 प्रतिशत घटा देती हैं।

    मौजूदा स्थिति

    अमेरिका में क्या है वैक्सीनेशन और महामारी की स्थिति?

    अमेरिका में अब तक कोरोना वैक्सीन की 23.5 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं जो चीन के बाद दुनिया में सबसे अधिक हैं। देश की 43 प्रतिशत आबादी को कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 29.5 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।

    महामारी की स्थिति की बात करें तो अमेरिका में अब तक 3.22 करोड़ लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 5.74 लाख लोगों की मौत हुई है।

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