भारत में महामारी की दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट का सबसे बड़ा हाथ- अध्ययन
भारत में आई महामारी की दूसरी लहर के पीछे कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट मुख्य तौर पर जिम्मेदार है। सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात निकलकर सामने आई है। डेल्टा वेरिएंट पिछले साल सबसे पहले भारत में पाया गया था। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) और वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए बनाए गए INSACOG के अध्ययन में सामने आया कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अल्फा की तुलना में 50 प्रतिशक संक्रामक है।
इन राज्यों में दिखा डेल्टा का सबसे अधिक प्रकोप
अध्ययन में यह भी सामने आया है कि डेल्टा वेरिएंट देश के सभी राज्यों में फैल चुका है, लेकिन दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र आदि ऐसे राज्य हैं, जहां अप्रैल के बाद से दूसरी लहर के दौरान हालात सबसे ज्यादा खराब हुए थे। यह वेरिएंट वैक्सीन की खुराक लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है।
डेल्टा और अल्फा कौन से वेरिएंट हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नए सिस्टम के तहत सबसे पहले भारत में मिले B.1.617.1 वेरिएंट को कप्पा, B.1.617.2 को डेल्टा, ब्रिटेन में मिले वेरिएंट को अल्फा और दक्षिण अफ्रीका में मिले वेरिएंट को बीटा नाम दिया गया है।
डेल्टा के फैलने के साथ-साथ बढ़ी संक्रमितों की संख्या
अध्ययन में कहा गया है कि भारत में इस साल जनवरी तक अल्फा वेरिएंट बहुत कम सैंपल में पाया जा रहा था। फरवरी में इसकी संख्या 20 प्रतिशत और मार्च आते-आते 40 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसी दौरान डेल्टा वेरिएंट फैलना शुरू हुआ और अप्रैल तक 60 प्रतिशत कोरोना संक्रमितों की सैंपल में यह वेरिएंट पाया जा रहा था। जैसे-जैसे यह वेरिएंट फैलता गया, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से ऊपर जाती रही।
मृतकों की संख्या बढ़ने के पीछे डेल्टा होने का सबूत नहीं- अध्ययन
इंडिया टुडे के अनुसार, अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के पीछे मुख्य तौर पर अल्फा वेरिएंट जिम्मेदार है। अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि सबसे पहले भारत में मिले वेरिएंट के कारण मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। मौतें बढ़ने के पीछे कुछ समय तक स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने समेत कई दूसरे कारण भी जिम्मेदार रहे हैं।
वैक्सीन से मिली सुरक्षा को चकमा दे रहा है डेल्टा वेरिएंट
अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है, जबकि अल्फा वेरिएंट के मामले में ऐसा नहीं देखा गया है। इसका मतलब है यह कि डेल्टा वैक्सीन से मिली सुरक्षा को भी चकमा दे रहा है।
वायरस के वेरिएंट के नामकरण के लिए क्या सिस्टम है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस वेरिएंट के नामकरण के लिए नए सिस्टम का ऐलान किया है। इसके तहत वेरिएंट्स के वैज्ञानिक नामों की जगह अब ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल किया जाएगा। संगठन का कहना है कि नया सिस्टम बातचीत को आसान बनाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है कि किसी वेरिएंट के साथ देश का नाम न जोड़ा जाए। अगर 24 से अधिक वेरिएंट्स मिलते हैं तो नया सिस्टम लाया जाएगा।
देश में क्या है संक्रमण की स्थिति?
देश में पिछले कुछ दिनों से हालात सुधर रहे हैं और कोरोना के मामलों में गिरावट नजर आ रही है। बीते दिन की बात करें तो देश में कोरोना के 1,32,364 नए मामले सामने आए और 2,713 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 2,85,74,350 हो गई है। इनमें से 3,,40,702 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 16,35,993 रह गई है।