महाराष्ट्र और केरल से कर्नाटक जाने वालों के लिए जरूरी होगी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट
दक्षिण भारत कें राज्यों में अभी भी कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप पूरी तरह से नहीं थमा है। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की हालत कुछ ज्यादा खराब है। इसको देखते हुए अब कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने इसकी घोषणा की है।
डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए उठाया कदम- सुधाकर
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा, "राज्य में कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट को आने से रोकने के लिए महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की है।" उन्होंने आगे कहा, "इस संबंध में सभी जिला प्रशासन को सूचना भेज दी गई है। महाराष्ट्र और केरल से कर्नाटक की सीमा साझा होती है। ऐसे में मैसूरु, चामराजनगर, मंगलुरु, सुलिया और पुत्तूर में चौकसी बढ़ाई गई है।"
यहां भी स्थापित की गई है चेक पोस्ट- सुधाकर
स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा कि राज्य के दक्षिणी हिस्सों के साथ उत्तरी कर्नाटक के बेलगावी और उत्तर कन्नड़ के कारवार जिले में भी कोरोना चेक पोस्ट बनाई गई है। इसका मतलब यह है कि गोवा की ओर से कर्नाटक में प्रवेश करने वालों की भी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट देखी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण और डेल्टा प्लस वेरिएंट के खतरे को कम करने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है।
10 वर्ष तक के बच्चों वाले माता-पिता को प्राथमिकता से लगाई जाएगी वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा कि राज्य में डेल्टा प्लस के खतरे को रोकने के लिए अब 10 साल तक के बच्चों वाले माता-पिता को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल छात्रों, स्वास्थ्यकर्मियों, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों सहित उनके परिवार वालों को भी प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई जाएगी। इसकी तैयारी हो गई है। वैक्सीन लगाने के बाद महामारी के संभावित खतरे को कम किया जा सकता है।
भारत में सामने आए डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित 51 मरीज
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के अनुसार देश में अब तक 12 राज्यों से डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण 51 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से लगभग 22 मामले महाराष्ट्र और पांच केरल में मिले हैं। इसको देखते हुए कर्नाटक सरकार ने सख्ती दिखाई है। बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में पहली बार मिले डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेंट है। ऐसे में इसके और भी खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि, इस पर अभी अध्ययन जारी है।
कर्नाटक में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में धीरे-धीरे कमी आ रही है। रविवार को यहां संक्रमण के 3,604 नए मामले सामने आए थे और 89 मरीजों की मौत हुई थी। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 28,34,630 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक कुल 34,743 की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 1,01,065 है। इसी तरह 26,98,822 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं।