फ्रांस: राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए जज नियुक्त
फ्रांस ने राफेल विमानों की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक जज की नियुक्ति की है जो इस सौदे की व्यापक जांच करेंगे। फ्रांस की वित्तीय अपराध शाखा PNF ने कहा कि जांचकर्ता भारत सरकार और विमान निर्माता कंपनी डसॉल्ट के बीच हुए 36 लड़ाकू विमानों के सौदे में भ्रष्टाचार के साथ-साथ पक्षपात की भी जांच करेंगे। बता दें कि भारत में भी विपक्षी पार्टियां इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती आई है।
क्या है राफेल सौदा?
मोदी सरकार ने सितंबर, 2016 में फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर इस भ्रष्टाचार में शामिल होने और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौदे से हटाने का आरोप लगाया था। कांग्रेस सरकार पर महंगे दामों में विमान खरीदने का भी आरोप लगा रही है।
पूर्व राष्ट्रपति की भूमिका की भी होगी जांच
फ्रांसीसी पत्रिका मीडियापार्ट ने खबर दी कि स्वतंत्र जांचकर्ता सौदे की बाकी पहलुओं के साथ-साथ इसमें पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की भूमिका की भी जांच करेंगे। जब यह सौदा हुआ, तब ओलांद फ्रांस के राष्ट्रपति थे और मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे। इस सौदे की अति-संवेदनशील जांच 14 जून से शुरू हो चुकी है। बता दें कि मीडियापार्ट की रिपोर्ट्स के बाद दर्ज की गई शिकायत पर यह जांच शुरू हुई है।
सौदे में भ्रष्टाचार की आई थी कई रिपोर्ट्स
मीडियापार्ट ने इस साल अप्रैल में बताया था कि फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट ने भारत सरकार के साथ 36 विमानों का सौदा होने के ठीक बाद एक भारतीय बिचौलिये को 10 लाख यूरो (लगभग 8.6 करोड़ रुपये) का भुगतान किया था। इसके अलावा एक रिपोर्ट में बताया गया था कि PNF के पूर्व अध्यक्ष ने अपने सहकर्मियों की आपत्ति के बावजूद इस सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के सबूतों की जांच को बीच में ही बंद कर दिया था।
जांच शुरू होने पर डसॉल्ट ने नहीं की कोई टिप्पणी
मीडियापार्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद फ्रांस के एक NGO शेरपा ने PNF में शिकायत दर्ज कराई थी। इससे पहले 2018 में NGO की ऐसी ही शिकायत को खारिज कर दिया गया था। डसॉल्ट की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन कंपनी ने पहले कहा था कि कई भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की जांच में भी इस सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है।
भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुके हैं राफेल विमान
सौदे के तहत भारत को मिलने वाले 36 विमानों में से कई भारत पहुंच चुके हैं और इनका वायुसेना में इंडक्शन भी हो चुका है। इस साल के अंत तक सभी 36 विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इनमें से छह ट्रेनर विमान और 30 लड़ाकू विमान होंगे। इनके आने से निश्चित तौर पर वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। राफेल 4.5 पीढ़ी का मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट लड़ाकू विमान है।