
महिला ने 1,000 रुपये में खरीदी पेंटिंग, 8 करोड़ रुपये से ज्यादा निकली वास्तविक कीमत
क्या है खबर?
कला को संग्रहित करने में दिलचस्पी रखने वाले लोग अक्सर नई-नई पेंटिंग की तलाश में रहते हैं। कई बार यह खोज उन्हें ऐसी कलाकृतियों का मालिक बना देती है, जिनकी कीमत सुनकर होश उड़ जाएं।
ऐसा ही कुछ पेंसिल्वेनिया की रहने वाली एक महिला के साथ हुआ। दरअसल, उन्होंने पुराने सामान की एक दुकान से 1,026 रुपये में एक पेंटिंग खरीदी थी।
हालांकि, बाद में सामने आया की उसकी असल कीमत 8 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है।
मामला
पेंटिंग को देखते ही कर लिया था खरीदने का फैसला
महिला का नाम हेइडी मार्को है, जो कि ईस्टन में स्थित साल्वेज गुड्स एंटीक नाम की दुकान की मालकिन हैं। जनवरी ही में वह मोंटगोमरी काउंटी की एक दुकान पर हो रही नीलामी में शामिल हुई थीं।
इस दौरान उनकी नजर एक खास तरह की पेंटिंग पर पड़ी और वह उनके दिल में बस गई। उन्होंने उसे देखते ही तय कर लिया कि वह उसे खरीदकर रहेंगी।
नीलामी के दौरान उन्होंने 1,026 रुपये में वह पेंटिंग खरीदी।
खासियत
मार्को ने समझी थी उस पेंटिंग की खासियत
मार्को ने बताया कि उस नीलामी में ज्यादातर पेंटिंग 85,000 से एक लाख की कीमत पर बिक रही थीं। हालांकि, नग्न महिला वाली उस पेंटिंग को कोई खरीदना नहीं चाह रहा था।
हालांकि, मार्को ने उस कलाकृति की खासियत को समझा और कहा, "मुझे वह पेंटिंग बेहद नायाब लग रही थी।"
उन्हें पहले से ही शक हो रहा था कि वह पेंटिंग असल में बेहद कीमती हो सकती है।
प्रमाणिकता
इस तरह पता लगी इस नायाब पेंटिंग की असल कीमत
मार्को एक प्रमाणित कला मूल्यांकनकर्ता भी हैं, जिस कारण वह इस पेंटिंग की असल कीमत को पहचान सकीं।
प्राचीन फ्रेम की अच्छी स्थिति, कागज के प्रकार और पीछे की ओर लगी मोहर को देखकर पता चला कि उसे एक उच्च-स्तरीय आयातक द्वारा अमेरिका में लाया गया था और एक प्रमुख संग्रहकर्ता को बेचा गया था।
साथ ही, उस पर हुए हस्ताक्षर से सामने आया कि यह पेंटिंग पियरे-ऑगस्ट रेनॉयर द्वारा बनाई गई थी, जो कि फ्रांस के मशहूर पेंटर थे।
जांच
न्यूयॉर्क के इंस्टीट्यूट में होगी इस पेंटिंग की जांच
मार्को का मानना है कि यह पेंटिंग रेनॉयर की पत्नी एलाइन चारिगॉट की है, जिसे 1800 के दशक के अंत में उनके इंग्रेस काल के दौरान बनाया गया होगा।
उन्होंने सोथबी नामक नीलामीघर के एक साथी कला मूल्यांकनकर्ता से भी राय ली, जो मार्को की बात से सहमत हुए। अब वाइल्डेनस्टाइन प्लैटनर इंस्टीट्यूट (WPI) 10 अप्रैल को इस पेंटिंग की प्रमाणिकता की जांच करेगा।
अगर यह असली निकलती है तो इसकी कीमत 8.56 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।