
#NewsBytesExplainer: अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में किन-किन वस्तुओं पर टैरिफ कम कर सकता है भारत?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। चर्चा है कि इससे पहले भारत और अमेरिका में व्यापार समझौता हो सकता है।
इसके लिए दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 5 दिवसीय भारत यात्रा पर है। उम्मीद है इस दौरान समझौते पर सहमति बन सकती है।
आइए जानते हैं समझौते में क्या-क्या प्रावधान हो सकते हैं।
असर
टैरिफ से कुल भारतीय निर्यात का 87 प्रतिशत हिस्सा होगा प्रभावित
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मामले की जानकारी रखने वाले 2 सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत को अनुमान है कि अमेरिकी टैरिफ से अमेरिका को उसके कुल निर्यात का 87 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित होगा। इसकी कीमत 66 बिलियन डॉलर है।
एक अधिकारी ने कहा कि टैरिफ के कारण 11 अरब डॉलर मूल्य के फार्मास्यूटिकल और ऑटोमोटिव निर्यात पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि ये निर्यात अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
टैरिफ
भारत 55 प्रतिशत वस्तुओं पर टैरिफ कम करने को तैयार- रिपोर्ट
रॉयटर्स के अनुसार, समझौते के तहत भारत अपने द्वारा आयातित 55 प्रतिशत अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार है। इन वस्तुओं पर फिलहाल 5 से लेकर 30 प्रतिशत तक टैरिफ लगता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अमेरिका से आयातित 23 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के सामानों पर टैरिफ को काफी हद तक कम करने और कुछ पर तो पूरी तरह से खत्म करने के लिए तैयार है।
प्रभाव
किन वस्तुओं पर टैरिफ में दी जा सकती है ढील?
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने टैरिफ के कारण मोती, खनिज ईंधन, मशीनरी, बॉयलर और विद्युत उपकरण जैसी वस्तुओं पर टैरिफ में 6-10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। ये वस्तुएं अमेरिका को कुल भारतीय निर्यात में आधा हिस्सा रखती हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा, "मांस, मक्का, गेहूं और डेयरी उत्पादों पर 30 से 60 प्रतिशत तक के टैरिफ को खत्म कर दिया गया है। बादाम, पिस्ता और दलिया पर टैरिफ में ढील दी जा सकती है।"
भारत
क्या चाहते हैं भारत और अमेरिका?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका चाहता है कि भारत सभी अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च टैरिफ बाधाओं को एक व्यापक कदम के तहत कम करे न कि टुकड़ों में दृष्टिकोण अपनाए। इसके बदले में अमेरिका भारतीय किसानों और छोटे उद्योगों के लिए कोटा प्रतिबंध लागू कर सकता है।
वहीं, भारत ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौतों जैसा समझौता ही अमेरिका के साथ करना चाहता है।
टैरिफ
भारत पर 2 अप्रैल से लागू होंगे टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को बहुत ज्यादा टैरिफ वाला देश बताया है और कई बार आलोचना की है।
5 मार्च को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, "भारत हमसे 100 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी ऐसा ही करने जा रहे हैं। जितना टैरिफ भारत लगाता है, उतना ही अमेरिका भी लगाएगा।"
ट्रंप ने कहा है कि भारत समेत कई देशों पर 2 अप्रैल से टैरिफ लागू हो जाएंगे।
भारत के कदम
टैरिफ से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठा रहा है भारत?
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 3-8 मार्च तक अमेरिका यात्रा की थी। वहां वे व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक से भी मिले थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भी टैरिफ पर चर्चा हुई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग मंत्रालय ने उद्योगों से ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने को कहा है, जहां चीन या किसी दूसरे देश से आयातित सामान को अमेरिकी वस्तुओं से बदला जा सकता है।