LAC के पास विवादित अक्साई चिन इलाके में रेलवे लाइन बिछाएगा चीन, ये है मकसद
चीन शिंजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाली एक रेलवे लाइन का निर्माण शुरू करने जा रहा है। यह रेलवे लाइन चीन के कब्जे वाले विवादित अक्साई चिन इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास से गुजरेगी। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की सरकार ने मध्यम और लंबी अवधि की इस रेलवे योजना को पिछले सप्ताह सार्वजनिक किया था। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में LAC को लेकर सीमा विवाद चल रहा है।
क्या रहेगा रेलवे लाइन का रूट?
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताविक रेलवे लाइन तिब्बत में शिगात्से से शुरू होगी और उत्तर-पश्चिम में नेपाल बॉर्डर से होकर जाएगी। यह अक्साई चिन से होकर भी गुजरेगी और शिंजियांग प्रांत के होटान में खत्म होगी। यह प्रस्तावित रेलवे लाइन अक्साई चिन के रुटोग और पैंगोंग झील के चीनी क्षेत्र के पास से गुजरेगी। पहले चरण में शिगात्से से लेकर पखूक्त्सो तक रेलवे लाइन बिछाई जाएगी और इसका निर्माण 2025 तक पूरा होगा।
मौजूदा रेलवे लाइन को भी बढ़ाएगा चीन
बतौर रिपोर्ट्स, चीन की मौजूदा रेलवे लाइन को 1,400 किलोमीटर से बढ़ाकर 2025 तक 4,000 किलोमीटर तक करने की योजना है। चीन का नया रेलवे नेटवर्क भारत और नेपाल की सीमा के पास से होकर जाएगा और इसमें सबसे महत्वाकांक्षी योजना शिंजियांग-तिब्बत रेलवे लाइन है। यह रेलवे लाइन नेशनल हाइवे G219 के पास से होकर जाएगी। चीनी मीडिया के मुताबिक, 2025 तक कई बड़ी परियोजनाओं में प्रगति होगी, जिससे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास होगा।
चीन ने 1962 में अक्साई चिन पर किया था कब्जा
चीन के नियंत्रण वाले अक्साई चिन क्षेत्र को भारत अपना क्षेत्र मानता है। भारत दावा करता है कि चीन ने वर्ष 1962 के युद्ध के दौरान लद्दाख की करीब 38,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर अपना कब्जा कर लिया था, जिसमें अक्साई चिन शामिल है।
चीन क्यों कर रहा है रेलवे लाइन का निर्माण?
रेलवे लाइन के निर्माण के पीछे दो उद्देश्यों को देखा जा रहा है। चीन सीमावर्ती क्षेत्रों को एकीकृत करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर सीमा पर तेजी से सेना जुटाने की क्षमता विकसित करके सीमा सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहता है। चीन देश के एकीकरण इलाकों के साथ तिब्बत के आर्थिक एकीकरण में तेजी भी लाना चाहता है। योजना के तहत ग्यारोंग तक सीमावर्ती रेलवे लाइन बनाई जाएगी, जो सिक्किम के पास भूटान की सीमा पर स्थित है।
तिब्बत में अभी हैं तीन रेलवे लाइन
तिब्बत में वर्तमान में केवल तीन रेल लाइनें मौजूद हैं। इनमें पहली किंघाई-तिब्बत लिंक रेलवे लाइन है, जो 2006 में शुरू हुई थी। दूसरी लाइन ल्हासा और शिगात्से के बीच 2014 में शुरू हुई और तीसरी ल्हासा-न्यिंगची लाइन का परिचालन दो साल पहले 2021 में शुरू हुआ था। बता दें कि ल्हासा-न्यिंगची रेलवे लाइन तिब्बत के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास तक जाती है।
भारत और चीन के बीच चल रहा है सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच अप्रैल, 2020 से सीमा विवाद को लेकर तनाव चल रहा है। जून, 2020 में लद्दाख स्थित गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, वहीं चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक बार फिर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आई थीं और उनके बीच झड़प हुई थी।