तुर्की-सीरिया भूकंप: 34,000 से अधिक हुईं मौतें, मलबे में दबे लोगों के बचने की उम्मीद कम
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में अब समय गुजरने के साथ-साथ मलबे में दबे लोगों के जिंदा बचने की उम्मीदें कम हो रही हैं। अब तक दोनों देशों में मरने वालों का आंकड़ा 34,000 के पार पहुंच चुका है। यह भूकंप पिछले 10 सालों में आया सबसे भीषण भूकंप साबित हुआ है, जिसमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 50,000 के पार पहुंच सकता है।
दोनों देशों में कितने लोगों की हुई मौत?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते सोमवार को आए भूकंप में मरने वाली की संख्या 34,179 तक पहुंच चुकी है। तुर्की में मरने वालों की संख्या 29,605 तक पहुंच गई है, जबकि सीरिया में मरने वालों की संख्या 4,574 पहुंच गई है। राहत और बचावकर्मियों का कहना है कि ठंड के कारण प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। घायलों की संख्या हजारों में है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सीरिया के लिए UNSC से अतिरिक्त मंजूरी की अपील
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे सीरिया में राहत और बचाव कार्यों के लिए अतिरिक्त मंजूरी देने की अपील की है। उन्होंने कहा, "प्रभावित क्षेत्रों में लोग हम पर भरोसा कर रहे हैं और उन्हें मदद की दरकार है। मानवता के नाते हमें इस कठिन समय में उनकी मदद करनी चाहिए। हम उन्हें निराश नहीं कर सकते हैं क्योंकि हमारे पास शक्ति मौजूद है।"
अर्दोआन बोले- लूटपाट करने वालों को से सख्ती से निपटेगी सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद कई इलाकों में चोरी और लूटपाट की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि प्रभावित इलाकों में लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों से सरकार सख्ती से निपट रही है। बता दें कि पिछले दिनों तुर्की के आठ अलग-अलग प्रांतों में लूटपाट करने के आरोप में करीब 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सुरक्षा कारणों के चलते वापस लौटे इन देशों के बचाव दल
तुर्की और सीरिया की सीमा पर दो विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष की सूचना पर इजरायल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने बचाव दल के विमान को वापस बुला लिया है। इससे पहले जर्मनी और ऑस्ट्रिया के बचाव दल भी तुर्की से वापस लौट चुके हैं। दरअसल, दोनों देशों की सीमा पर दो गुटों में हिसंक झड़प हो रही है, जिससे बचावकर्मियों की जान को खतरा है। जर्मनी के बचाव दल ने यहां गोलीबारी की पुष्टि की थी।
रविवार को आया 4.7 तीव्रता का एक और भूकंप
तुर्की के कहरामनमारस में रविवाद देर रात 4.7 की तीव्रता का एक और भूकंप आया। बीते 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद से यहां लगातार आफ्टरशॉक आ रहे हैं। दोनों देशों की सीमा के पास 120 से अधिक आफ्टरशॉक्स महसूस किये गए हैं। यह आफ्टरशॉक्स एक तरह के छोटे भूकंप होते हैं, जो किसी शक्तिशाली भूकंप के बाद उसी क्षेत्र में आते हैं।