लद्दाख: LAC पर सेना की चौकियों के करीब आया चीनी विमान, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
तनावपूर्ण संबंधों के बीच चीनी सेना ने एक बार फिर से भड़कावे की कार्रवाई को अंजाम दिया है। चीन का एक लड़ाकू विमान लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात भारतीय सैनिकों के बेहद करीब आ गया। हालांकि, कुछ देर बाद वह वापस लौट गया। यह घटना जून के अंतिम सप्ताह की बताई जा रही है। सेना की ओर से इसका खुलासा करने के बाद अब भारत ने चीन के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है।
भारतीय वायुसेना ने संभाल लिया मोर्चा
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि जून के आखिर सप्ताह में चीन का एक लड़ाकू विमान LAC पर तैनात भारतीय सैनिकों के बेहद करीब आ गया था। विमान को देखते ही भारतीय वायुसेना भी सतर्क हो गई और उसने अपने लड़ाकू विमानों सहित सैनिकों प्रतिक्रिया के लिए तैनात कर दिया। इसके अलावा चीन के किसी भी संभावित दुस्साहस से निपटने के लिए भारतीय सेना के जवानों को भी सक्रिय कर दिया गया था।
वायुसेना के रडार पर पकड़ा गया था चीन का विमान
सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा पिछले कुछ महीनों में संभावित हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की यह पहली घटना है। चीनी विमान को सीमावर्ती इलाके में तैनात भारतीय वायुसेना के रडार के जरिए पकड़ा गया था। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब चीनी वायुसेना पूर्वी लद्दाख के पास अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में एक बड़ा अभ्यास कर रही है और अभ्यास के दौरान वायु रक्षा हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत के चीन के समक्ष दर्ज कराई आपत्ति
सूत्रों ने बताया इस घटना पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसके अलावा भारतीय पक्ष ने स्थापित मानदंडों के अनुसार चीनी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया है। अधिकारियों ने चीन से भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए कहा है। उसके बाद से चीन ने भारत से लगे सीमावर्ती इलाकों में इस तरह का कोई प्रयास नहीं किया है। हालांकि, इसके बाद भी भारतीय सेना इलाके में पूरी तरह से सतर्कता बरत रही है।
भारत ने की चीन के बराबर तैनाती
चीन के लद्दाख स्थित पैंगोंग झील पर दो पुलों का निर्माण करने के जवाब में भारत ने जवाबी कार्रवाई की है। भारतीय सेना ने वास्तविक LAC पर चीन के बराबर ही सेना की तैनाती कर रखी है। दौलत बेग ओल्डी सैन्य अड्डे तक जाने के लिए सड़कों और पुलों का पूरा जाल बिछाया गया है। इनसे टैंक और बख्तरबंद वाहन भी जा सकते हैं। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए गलवान नदी पर सात पुल भी बनाए जा रहे हैं।