कनाडा: जस्टिन ट्रूडो के राजनीति से संन्यास लेने की अटकलें, नहीं लड़ेंगे अगला चुनाव
क्या है खबर?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए ये साल अच्छा नहीं जा रहा है।
पहले अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर टैरिफ लगाने की धमकी दी। उसके बाद घरेलू स्तर पर उथल-पुथल के बाद ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने की भी घोषणा कर दी।
अब ट्रूडो ने ऐलान किया है कि वे अगले चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे। इसे उनके राजनीति से संन्यास लेने की अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा है।
बयान
क्या बोले ट्रूडो?
ग्लोबल न्यूज ऑफ कनाडा ने ट्रूडो के हवाले से कहा, "मैं आगामी चुनाव में भाग नहीं लूंगा।"
ट्रूडो से जब पूछा गया कि राजनीति छोड़ने के बाद वे क्या करेंगे तो उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मेरे पास इस बारे में सोचने के लिए ज्यादा समय नहीं है। मैं पूरी तरह से उस काम पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, जिसके लिए कनाडावासियों ने मुझे इस समय असाधारण रूप से महत्वपूर्ण समय में चुना है।"
टैरिफ
ट्रंप की टैरिफ धमकियों पर भी बोले ट्रूडो
ट्रूडो ने कनाडा के प्रांतीय प्रधानमंत्रियों, अमेरिका में कनाडा के राजदूत और कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात की। इस दौरान सभी के बीच ट्रंप की टैरिफ धमकियों पर कनाडा की प्रतिक्रिया को लेकर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, "देश में हमेशा बहुत राजनीति चलती रहती है, लेकिन यह जानना कि कनाडा के राष्ट्रीय हित में कब कदम उठाना है और कनाडा के लोग क्या देखना चाहते हैं। इस मेज के चारों ओर मौजूद सभी लोगों के श्रेय की बात है।"
राजनीतिक सफर
कैसा रहा ट्रूडो का राजनीतिक सफर?
ट्रूडो ने पहली बार 2008 में क्यूबेक के पापिनो निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया था।
2013 में वे लिबरल पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। उनके कार्यकाल में ही 2015 के चुनावों में लिबरल पार्टी ने शानदार जीत हासिल की और 338 में से 184 सीटें जीतीं।
इसके बाद वे कनाडा के दूसरे सबसे युवा प्रधानमंत्री बने।
हालांकि, 2019 और 2021 के चुनावों में उनकी पार्टी को बहुमत नहीं मिला।
प्रधानमंत्री पद
ट्रूडो को क्यों छोड़ना पड़ा प्रधानमंत्री पद?
ट्रूडो घरेलू स्तर पर बढ़ती महंगाई, अप्रवासन और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से नहीं निपट सके। इससे जनता नाराज हुई।
इसके अलावा वे अल्पमत वाली गठबंधन की सरकार चला रहे थे, जिसके चलते उनकी ही पार्टी के नेता इस्तीफा देने का दबाव बना रहे थे।
दिसंबर में वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद अस्थिरता और बढ़ गई थी। इसके बाद 6 जनवरी को ट्रूडो ने कहा कि पार्टी का नया नेता चुने जाने के बाद वे इस्तीफा दे देंगे।