जो बाइडन ने विदाई भाषण में कहा- रईसों का बढ़ता दबदबा खतरनाक, ट्रंप पर क्या बोले?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज राजधानी वॉशिंगटन DC के ओवल कार्यालय से अपना विदाई भाषण दिया। इसमें उन्होंने अमेरिका में बढ़ते 'कुलीनतंत्र' के चलते अमेरिकियों से सावधान रहने का आग्रह किया।
ये ओवल कार्यालय से बाइडन का 5वां और आखिरी संबोधन था।
भाषण में उन्होंने एक बार भी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया। उन्होंने घरेलू राजनीति, विदेशी संबंधों, अपने कार्यकाल की उपलब्धियों और मिसइंफॉर्मेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
रईस
बाइडन बोले- रईसों का बढ़ता वर्चस्व खतरनाक
बाइडन ने कहा, "मैं देश को कुछ ऐसी चीजों के बारे में चेतावनी देना चाहता हूं, जो मुझे बहुत चिंतित करती हैं। ये है बहुत कम अति-धनवान लोगों के हाथों में सत्ता का खतरनाक संकेंद्रण। आज अमेरिका में अत्यधिक धन, शक्ति और प्रभाव वाला एक कुलीनतंत्र आकार ले रहा है, जो हमारे पूरे लोकतंत्र, मूल अधिकारों, स्वतंत्रताओं और सभी के आगे बढ़ने के अवसर को खतरे में डाल रहा है।"
तकनीक
बाइडन ने तकनीक के संभावित खतरों से भी चेताया
बाइडन ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, समाज और मानवता के लिए ये जोखिम भी है।
उन्होंने कहा, "AI में कैंसर को खत्म करने के मेरे सवाल का जवाब देने में हमारी मदद करने की क्षमता है, लेकिन जब तक सुरक्षा उपाय नहीं किए जाते, AI हमारे अधिकारों, जीवन के तरीके, निजता, और देश की सुरक्षा के लिए नए खतरे पैदा कर सकता है।"
कार्यकाल
अपने कार्यकाल को लेकर क्या बोले बाइडन?
बाइडन ने कहा कि कैसे उनकी नीतियों ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) को मजबूत किया।
उन्होंने कहा, "यूक्रेन अभी भी स्वतंत्र है और हम चीन से प्रतिस्पर्धा में आगे निकल गए हैं।"
इसके अलावा उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए दवाओं की कीमतें कम करने, बंदूक सुरक्षा कानून पारित करने और दूसरे मुद्दों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, "हमारे कामों का असर दिखने में समय लगेगा, लेकिन हमने बीज बो दिए हैं। वे उगेंगे और दशकों तक खिलेंगे।"
ट्रंप
ट्रंप का नाम लिए बिना साधा निशाना
बाइडन ने कहा, "आज मीडिया पर भारी दबाव है। स्वतंत्र मीडिया खत्म हो रहा है, संपादक गायब हो रहे हैं। अमेरिकियों को गलत सूचना और दुष्प्रचार के मलबे में दबाया जा रहा है। इससे सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।"
ट्रंप का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, "कानून एक राष्ट्रपति को उसके अपराधों से आजादी देता है, ऐसा नहीं होना चाहिए। संविधान संशोधन से तय होना चाहिए कि कोई पद पर रहते हुए किए गए अपराधों से आजाद नहीं है।"
राजनीतिक सफर
1972 में शुरू हुआ था बाइडन का राजनीतिक सफर
बाइडन ने 1972 में डेलावेयर से सीनेट का चुनाव जीता था। तब वे देश के सबसे युवा सीनेट सदस्य थे।
वे 1988 और 2008 में भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। बराक ओबामा के कार्यकाल में वे 2009 से 2017 तक उपराष्ट्रपति रहे।
2020 में डोनाल्ड ट्रंप को हराकर वे राष्ट्रपति चुने गए। इसी के साथ वे अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते वक्त उनकी उम्र 78 साल 220 दिन थी।