कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की पाकिस्तानी समूहों से मुलाकात, भारतीयों को लेकर खतरा बढ़ा
कनाडा में खालिस्तान समर्थक पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों के साथ मुलाकात कर रहे हैं, जिससे कनाडा में रहने वाले भारतीयों के लिए खतरा बढ़ गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ऐसी मुलाकातों पर चिंता जताते हुए अगाह किया है। एजेंसियों का कहना है कि मुलाकात के बाद खालिस्तान के नेतृत्व ने आक्रामक विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया है। यह खासकर उन इलाकों में ज्यादा हो रहा है, जहां भारतीय बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं।
नवंबर के पहले सप्ताह में हुई थी बैठक
न्यूज18 के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक संस्थाएं कनाडा में व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया ऐप पर समूहों को ट्रैक कर रही हैं। वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे भारतीयों को धमका रहे हैं और उनसे मोर्चा ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी समर्थकों की पाकिस्तानी समूहों के साथ बैठक नवंबर के पहले सप्ताह में हुई थी। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन से जल्द ही हिंसक टकराव की संभावना है और स्थानीय अधिकारी विभिन्न मामलों में मुकदमा भी दर्ज कर सकते हैं।
खुफिया एजेंसियों को और क्या मिली जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, पता चला है कि स्थानीय पुलिस और अन्य प्रशासनिक एजेंसियों के सहयोग से ये संस्थाएं कनाडा में खालिस्तान के विरोध में आवाज उठाने वाले भारतीयों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। उनके पते और संपर्क विवरण के साथ विभिन्न समूहों में साझा किए गए हैं, जिससे भारतीय परिवार खतरे में हैं। भारतीय रेस्तरां मालिक, छात्र और पेशेवर खासकर खालिस्तान के निशाने पर हैं, जो मंदिरों के बाहर सहित विभिन्न स्थानों पर हमला कर सकते हैं।
खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने क्या बताया?
रिपोर्ट में एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि भारतीय समुदायों के सोशल मीडिया समूहों में खालिस्तानी संस्थाओं ने घुसपैठ की है, जो खालिस्तानी समर्थकों को भड़काने के लिए चैट और संदेशों का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही लोगों के छोटे समूह भारतीयों को खालिस्तान का समर्थन करने या तुरंत कनाडा छोड़ने की धमकी दे रहे हैं। कनाडा में रहने वाले कई पेशेवरों ने अपनी संपत्तियां बेचना शुरू कर दिया है और वे भारत लौटने की योजना बना रहे हैं।
कनाडा में ठीक नहीं है हालात
कनाडा में 42 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अर्पित तिवारी ने न्यूज़18 को बताया कि वह 2017 से कनाडा में हैं, लेकिन ऐसा माहौल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि अब लोग समूहों में सड़कों पर घूम रहे हैं और भारतीय परिवारों के साथ हिंसक झड़पों में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि परिवारों की सुरक्षा के लिए लोगों को भारत जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है और स्थानीय पुलिस भरोसेमंद नहीं रह गयी है।