यूक्रेन के मित्र देश माल्दोवा में तख्तापलट की साजिश रच रहा रूस? अमेरिका ने जताई चिंता
रूस के यूक्रेन के मित्र देश मोल्दोवा में तख्तापलट करने की तैयारी की खबरें सामने आने के बाद अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। अमेरिका ने कहा कि वह मोल्दोवा की सरकार और वहां के लोगों के साथ खड़ा है। इससे पहले मोल्दोवा की राष्ट्रपति माइआ सैंडु ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मोल्दोवा के नेतृत्व को बर्बाद कर उनके देश को यूरोपीय संघ (EU) में शामिल होने से रोकना चाहते हैं।
मोल्दोवा ने रूस पर लगाया है तख्तापलट की साजिश का आरोप
राष्ट्रपति माइआ सैंडु ने कहा, "रूस सैन्य रूप से प्रशिक्षित लोगों की नागरिकों के रूप में उनके देश में घुसपैठ करवाकर हिंसक कार्रवाई करने, सरकारी इमारतों पर हमला करने और लोगों को बंधक बनाने की योजना बना रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट में रूसी साजिश के कई पहलुओं का पता चला, जिसमें हिंसा फैलाने के लिए विदेशियों का उपयोग किए जाने की बात भी सामने आई।
यह पुतिन की नई साजिश हो सकती है- अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि उन्होंने तख्तापलट की खबरों की जांच नहीं की है, लेकिन उनका मानना है कि पुतिन इस तरह की साजिश का प्रयास करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, "हम पूरी तरह से मोल्दोवन सरकार और वहां के लोगों के साथ खड़े हैं। हमने स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह निश्चित रूप से पुतिन की किसी नई साजिश का हिस्सा हो सकता है।"
रूस ने आरोपों को किया खारिज
रूस ने अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह दावे पूरी तरह से निराधार हैं। उसने उसके और मोल्दोवा के बीच तनाव भड़काने के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही मोल्दोवा यूक्रेन के साथ खड़ा है और मोल्दोवा की राष्ट्रपति माइआ सैंडु ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के साथ राजधानी कीव में मुलाकात भी की थी।
पिछले साल फरवरी से जारी है यूक्रेन युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले साल 24 फरवरी से जारी है और इसे 11 महीने से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान वैश्विक समुदाय ने कई मौकों पर पुतिन से युद्ध को समाप्त करने की मांग की है, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण अभी भी जारी है। इस युद्ध में दोनों तरफ के हजारों सैनिकों की मौत हुई है और लाखों यूक्रेनियन नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। रूस पर कई प्रतिबंध भी लग चुके हैं।