रूस: व्यक्ति ने घर पर सर्जरी कर दिमाग में डाली चिप, सपने नियंत्रित करने की कोशिश
क्या है खबर?
रूस में रहने वाले एक व्यक्ति का दावा है कि उसने बगैर किसी योग्यता के घर पर ही अपने दिमाग की सर्जरी की है।
इस न्यूरोसर्जरी के दौरान व्यक्ति ने अपने दिमाग में एक चिप लगाई है, जिससे उसे लगता है कि वह एक दिन अपने सपनों को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाएगा।
यकीनन आपको ये बात जानकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन सच यही है।
आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मामला
क्या है मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइकल रडुगा नामक व्यक्ति के पास न्यूरोसर्जरी की कोई योग्यता नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने खुद से ही सर्जरी करके अपने दिमाग में एक चिप लगाई है ताकि वह एक दिन अपने सपनों को नियंत्रित कर सके।
माइकल ने यह सर्जरी पिछले महीने अपने घर पर ही की, जिसमें उन्हें करीब 10 घंटे लगे थे और उस दौरान उनका काफी खून भी बह गया था।
बयान
हार्डवेयर स्टोर में मिली एक ड्रिल मशीन से माइकल ने की सर्जरी
मीडिया से बात करते हुए माइकल ने बताया, "मेरे पास न्यूरोसर्जरी की कोई योग्यता नहीं है और मैंने हार्डवेयर स्टोर में मिली एक ड्रिल की मदद से सिर में छेद किया और त्वचा के कुछ हिस्सों को पेपर क्लिप की मदद से पकड़कर चिप को इम्प्लांट कर दिया।"
उन्होंने कहा, "शुरू में मुझे डर लग रहा था क्योंकि करीब 1 लीटर तक खून बह गया था और मुझे लग रहा था कि कहीं मैं होश न खो दूं।"
सर्जरी
सर्जरी करके खुश हैं माइकल
माइकल खुद से ही इतनी खतरनाक प्रक्रिया करके और गिनी पिग (नए विचारों या तरीकों का परीक्षण) की भूमिका निभाकर खुश हैं।
उनका मानना है कि यह प्रक्रिया एक दिन बहुत उपयोगी साबित हो सकती है, जो लोगों को उनके सपनों में प्रवेश करने की अनुमति दे सकती है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई लकवाग्रस्त व्यक्ति के साथ यह प्रक्रिया की जाए तो वह अपने सपने में जाकर कुछ भी कर सकता है।
जानकारी
न्यूरोसर्जन ने इस प्रक्रिया को बताया खतरनाक
जानकारी के मुताबिक, माइकल ने सर्जरी के 5 हफ्ते बाद चिप को हटा दिया क्योंकि इस प्रक्रिया के कारण उन्हें लंबे समय तक चलने वाले नुकसान का खतरा हो सकता है।
वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सलाहकार न्यूरोसर्जन एलेक्स ग्रीन बताते हैं कि इस प्रक्रिया को घर पर बिल्कुल नहीं आजमाना चाहिए क्योंकि यह बेहद खतरनाक काम है।
उन्होंने कहा कि न्यूरोसर्जरी का अभ्यास केवल अनुभवी और योग्य नयूरोसर्जन द्वारा ही किया जाना चाहिए।