अफगानिस्तान से बाहर जाने के लिए महिलाओं को किया गया शादी के लिए मजबूर- रिपोर्ट
क्या है खबर?
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद देश छोड़ने के लिए काबुल हवाई अड्डे के बाहर लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था।
हर कोई वहां से निकलना चाहता था। कुछ महिलाओं ने अपने बच्चों तक को कंटीले तारों से ऊपर से फेंक दिया था।
इसी बीच एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि अफगानी महिलाओं को देश से निकालने के लिए शादी के लिए भी मजबूर किया गया था।
पृष्ठभूमि
तालिबान ने 15 अगस्त को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा
बता दें कि तालिबान ने गत 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करते हुए देश में नई सरकार बनाने का ऐलान किया था।
उसके बाद से ही लोगों ने देश छोड़कर जाना शुरू कर दिया था। काबुल हवाई अड्डे के बाहर जमा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी सेना को फायरिंग भी करनी पड़ी थी।
इसके बाद भी लोग वहां से नहीं हटे और जैसे-तैसे वहां से निकले की जुगत में लगे रहे।
रिपोर्ट
परिजनों ने युवतियों को किया शादी के लिए मजबूर
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में निकासी केंद्रों में रही कुछ अफगान महिलाओं ने बताया कि उनके परिवार वालों ने उन्हें तालिबान के शोषण से बचाने के लिए काबुल में हवाई अड्डे के बाहर वहां से जाने के लिए योग्य पुरुषों से करने के लिए मजबूर किया था।
परिजनों का कहना था कि तालिबान के शासन के बाद यहां महिलाओं की हालत नर्क के समान होगी। ऐसे में शादी करके वह यहां से जा सकती है।
भुगतान
योग्य पुरुषों को शादी के लिए किया हजारों डॉलरों का भुगतान
रिपोर्ट के अनुसार, महिला और युवतियों को शादी के लिए मजबूर करने के साथ ही लोगों ने हजारों डॉलरों का भुगतान कर भी अफगानिस्तान से बाहर जाने वाले योग्य पुरुषों को उनकी महिला और युवतियों को पत्नी बनाकर साथ ले जाने का प्रस्ताव दिया था।
ऐसे में तालिबान के चंगुल से बची महिलाओं और युवतियों की तस्करी किए जाने का भी खतरा बढ़ गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने इसको लेकर खासी चिंता जाहिर की है।
प्रयास
UAE में इस तरह के मामलों की जांच में जुटे अधिकारी
इस तरह की रिपोर्ट सामने आने के बाद UAE में अमेरिकी राजनयिकों ने वहां की सरकार को इस संबंध में सावचेत कर दिया है।
उन्होंने UAE के अधिकारियों से इस तरह के मामलों का पता लगाने तथा अफगान महिलाओं की मानव तस्करी होने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।
इसके अलावा अमेकिरी राजनयिकों ने होमलैंड सिक्योरिटी और रक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस तरह के मामलों का पता लगाना शुरू कर दिया है।
कारण
तालिबान के पिछले अनुभवों ने किया लोगों को मजबूर
तालिबान ने अपने पिछले शासन (1996-2001) के बीच महिलाओं पर बड़ी सख्ती लागू की थी।
उन्होंने महिलाओं के स्कूल बंद कर दिए और उनके काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। महिलाओं को अकेले घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। इससे उनका जीवन पूरी तरह से नारकीय हो गया था।
2001 में अमेरिका ने महिलाओं को कई तहर की आजादी दी थी। ऐसे में तालिबान के पिछले अनुभवों को देखते हुए लोगों ने यह कदम उठाया है।