
वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले कप्तान और उनके आंकड़े
क्या है खबर?
वनडे क्रिकेट में कप्तान पर दोहरी जिम्मेदारी होती है। टीम की अगुवाई के साथ-साथ उन्हें खुद का प्रदर्शन भी बेहतर करना होता है। कई बार कप्तानों ने शानदार पारियां खेलकर ना सिर्फ टीम को संकट से निकाला है बल्कि बड़े-बड़े रिकॉर्ड्स भी बना डाले। कुछ कप्तानों ने तो इतनी बड़ी पारी खेली कि वो वनडे इतिहास में दर्ज हो गईं। ऐसे में आइए वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले कप्तानों पर एक नजर डाल लेते हैं।
#1
वीरेंद्र सहवाग (219 रन)
इस सूची में पहले स्थान पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग हैं। उन्होंने साल 2011 में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ 219 रन की पारी खेली थी। उस मुकाबले में सहवाग भारतीय टीम के कप्तान थे। उन्होंने 208 गेंदों का सामना किया था और उनके बल्ले से 25 चौके और 7 छक्के निकले थे। उनकी स्ट्राइक रेट 146.97 की रही थी। भारतीय टीम को उस मैच में 153 रन से जीत मिली थी।
#2
रोहित शर्मा (208* रन)
वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ साल 2017 में 208* रन की पारी खेली थी। उन्होंने 212 गेंदों का सामना किया था। उनके बल्ले से 13 चौके और 12 छक्के निकले थे और उनकी स्ट्राइक रेट 135.94 की थी। मोहाली में खेले गए उस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 392/4 का स्कोर बनाया था। उसे 141 रन से जीत मिली थी।
#3
सनथ जयसूर्या (189 रन)
तीसरे स्थान पर श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या हैं। उन्होंने साल 2000 में भारतीय टीम के खिलाफ शारजाह में 189 रन की पारी खेली थी। इस खिलाड़ी ने 161 गेंदों का सामना किया था। उनके बल्ले से 21 चौके और 4 छक्के निकले थे। उनकी स्ट्राइक रेट 117.39 की रही थी। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 299/5 का स्कोर बनाया था। जवाब में भारतीय टीम सिर्फ 54 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
#4
सचिन तेंदुलकर (186* रन)
भारतीय टीम के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर सूची में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने कप्तान रहते हुए साल 1999 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ 186* रन की पारी खेली थी। हैदराबाद में खेले गए उस मुकाबले में तेंदुलकर के बल्ले से 20 चौके और 3 छक्के निकले थे। उनकी स्ट्राइक रेट 124 की रही थी। तेंदुलकर ने उस मुकाबले में 150 गेंदों का सामना किया था। भारतीय टीम को उस मैच में 174 रन से जीत मिली थी।