रवि शास्त्री ने बताया कप्तान के तौर पर क्या है रहाणे और कोहली में अंतर
मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट में आठ विकेट से हराने के बाद अजिंक्या रहाणे की कप्तान के तौर पर काफी प्रशंसा हो रही है। नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रहाणे को कप्तानी करने का मौका मिला था और उन्होंने शानदार तरीके से टीम को मैच जिताया। मैच समाप्त होने के बाद भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने कप्तान के तौर पर रहाणे और कोहली के बीच के अंतर को समझाया।
विराट आक्रामक हैं, वहीं शांत रहते हैं रहाणे- शास्त्री
मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शास्त्री ने कहा, "दोनों ही खेल को अच्छे से पढ़ते हैं। विराट काफी आक्रामक हैं तो वहीं दूसरी ओर रहाणे काफी शांत स्वभाव वाले खिलाड़ी हैं। दोनों के कैरेक्टर अलग-अलग हैं।" शास्त्री ने आगे कहा कि कोहली विपक्षी टीम पर एकदम चढ़े रहना चाहते हैं तो वहीं रहाणे शांति से बैठे रहते हैं और उन्हें पता होता है कि उनको क्या करना है।
लगातार अपने पहले तीन टेस्ट जीतने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बने हैं रहाणे
2016-17 में धर्मशाला में खेले गए टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहाणे ने पहली बार टेस्ट में कप्तानी की थी। भारत ने वह मैच आठ विकेट से जीता था। इसके बाद 2018 में उनकी कप्तानी में भारत ने अफगानिस्तान को पारी और 262 रनों से हराया था। मेलबर्न में जीत हासिल करने के साथ ही वह एमएस धोनी के बाद अपने पहले तीन टेस्ट लगातार जीतने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं।
ड्रेसिंग रूम में शांति लेकर आए हैं रहाणे- अश्विन
दूसरा टेस्ट जीतने के बाद सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा था कि कोहली की अनुपस्थिति में रहाणे ड्रेसिंग रूम में शांति लेकर आए हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने चैनल 7 से कहा, "36 पर ऑल आउट होने के बाद वापसी आसान नहीं थी। विराट का जाना भी हमारे लिए बड़ा झटका था, लेकिन हम अच्छे से डटे रहे। रहाणे के शांत स्वभाव ने हमें ड्रेसिंग रूम में स्थिरता दी जिसके बाद हम खुलकर खुद को प्रदर्शित कर सके।"
इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने जीता मेलबर्न टेस्ट
पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया को भारतीय गेंदबाजों ने 195 के स्कोर पर समेट दिया था। इसके जवाब में भारत ने 326 रन बनाए जिसमें अजिंक्या रहाणे (112) और रविंद्र जडेजा (57) की शानदार पारियां शामिल रहीं। दूसरी पारी में 131 रनों से पिछड़ने के बाद ऑस्ट्रेलिया 200 रन ही बना सकी। भारत ने 70 रनों का लक्ष्य शुभमन गिल (35*) और रहाणे (27*) की बदौलत हासिल कर लिया। बुमराह ने मैच में सबसे अधिक (6) विकेट झटके।