#NewsBytesExplainer: जानिए एशिया कप का पूरा इतिहास, कैसे हुई इस टूर्नामेंट की शुरुआत
इस साल एशिया कप वनडे प्रारूप में 30 अगस्त से 17 सितंबर तक खेला जाना है। आगामी सीजन में एशिया की कुल 6 टीमें खिताब के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करती हुई नजर आएंगी। इस बार यह प्रतियोगिता पाकिस्तान और श्रीलंका में खेली जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय क्रिकेट टीम अपने सभी मैच श्रीलंका में खेलेगी। आइए इस प्रतियोगिता के स्वर्णिम इतिहास से आपका परिचय कराते हैं।
1983 में एशियन क्रिकेट कांफ्रेंस की हुई थी स्थापना
19 सितंबर, 1983 को नई दिल्ली में एशियन क्रिकेट कांफ्रेंस (अब एशियन क्रिकेट काउंसिल) की स्थापना की गई थी, जिसके अध्यक्ष भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष एनकेपी साल्वे बने थे। औपचारिक शब्दों में कहें तो खेल को बढ़ावा देने और एशियाई देशों के बीच सद्भावना का विस्तार करने के लिए यह क्षेत्रीय संस्था बनाई गई थी, जिसने पहली बार 1984 में एशिया कप के रूप नई प्रतियोगिता का आयोजन किया था।
साल्वे की जिद ने एशिया कप को दिया जन्म
साल 1983 के विश्व कप का फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स के ऐतिहासिक स्टेडियम में खेला जा रहा था, जिसमें भारतीय टीम के सामने सितारों से सजी वेस्टइंडीज की टीम थी। विजडन पत्रिका के मुताबिक, उस खिताबी मैच को तत्कालीन BCCI अध्यक्ष साल्वे स्टैंड से देखना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। इस घटना को साल्वे ने गंभीरता से लिया और उन्होंने तभी ठान लिया था कि वह विश्व कप के स्तर की प्रतियोगिता का दूसरा विकल्प बनाएंगे।
साल्वे ने PCB और SLC को किया एशिया कप के लिए राजी
पुरुष क्रिकेट के शुरुआती 3 विश्व कप (1975, 1979 और 1983) का आयोजन इंग्लैंड में हुआ था और साल्वे इस एकाधिकार के खिलाफ थे। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के साथ अपने विचार साझा किए। तत्कालीन PCB प्रमुख नूर खान भी साल्वे के साथ आ गए। इनके अलावा श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) के उस समय के अध्यक्ष गामिनी दिसानायके ने भी इस मुहिम में साल्वे का साथ दिया और एशिया की महाशक्तियों ने मिलकर एशिया कप की शुरुआत की।
पहले संस्करण में भारत ने जीता खिताब
1984 में पहली बार भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमों के बीच एशिया कप खेला गया। UAE में इस प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें भारतीय टीम विजेता और श्रीलंकाई टीम उपविजेता रही थी। दूसरा संस्करण 1986 में श्रीलंका में खेला गया, जिसमें भारतीय टीम ने हिस्सा नहीं लिया था। ऐसे में बांग्लादेश ने तीसरी टीम के रूप में प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उस संस्करण के फाइनल में मेजबान श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराया था।
क्यों भारतीय टीम ने श्रीलंका में हुए एशिया कप में नहीं लिया हिस्सा?
1985 में भारतीय टीम ने श्रीलंका का दौरा किया था। उस दौरे पर खराब अंपायरिंग देखने को मिली थी, जिसके चलते भारतीय टीम को 3 मैचों की सीरीज में 0-1 से शिकस्त मिली थी। उस दौरे पर श्रीलंकाई दर्शकों ने भी भारतीय खिलाड़ियों के साथ खराब व्यवहार किया था। इसके बाद BCCI और SLC के बीच दूरियां बढ़ गई थी। यही कारण था कि भारत ने 1986 के एशिया कप में हिस्सा नहीं लिया था।
एक बार पाकिस्तान ने भी नहीं लिया प्रतियोगिता में हिस्सा
टूर्नामेंट का चौथा संस्करण 1990-91 में भारत में आयोजित किया गया था। भारत के साथ तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों के कारण पाकिस्तान ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया था। उस संस्करण में भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर 1988 के बाद लगातार दूसरी बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था। यह इकलौता मौका था, जब पाकिस्तान ने इस प्रतियोगिता से अपना नाम वापस लिया हो।
2016 में पहली बार टी-20 प्रारूप में खेला गया एशिया कप
पहली बार 2016 में टी-20 प्रारूप में यह ऐतिहासिक प्रतियोगिता खेली गई। इसके साथ ही एशिया कप के संस्करण की एक बार वनडे और एक बार टी-20 प्रारूप में खेले जाने की शुरुआत हुई। आखिरी बार 2022 में टी-20 प्रारूप में एशिया कप खेला गया था, जिसमे श्रीलंका विजेता बना था। इसी क्रम में अब आगामी संस्करण का आयोजन वनडे प्रारूप में खेला जाएगा, जिसमें श्रीलंकाई टीम अपने खिताब का बचाव करना चाहेगी।
भारतीय टीम ने जीते हैं सर्वाधिक खिताब
वनडे और टी-20 दोनों प्रारूपों को मिलाकर भारतीय टीम ने सर्वाधिक 7 बार (1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010, 2016 और 2018) एशिया कप का खिताब जीता है। भारत के बाद श्रीलंका दूसरी सबसे सफल टीम है, जो 6 बार विजेता (1986, 1997, 2004, 2008, 2014 और 2022) रह चुकी है। पाकिस्तान की टीम 2 बार (2000 और 2012) की चैंपियन रही है। इन 3 टीमों के अलावा कोई अन्य टीम खिताब नहीं जीत सकी है।
इन बल्लेबाजों ने बनाए हैं सर्वाधिक रन
वनडे प्रारूप में हुए एशिया कप में सर्वाधिक रन सनथ जयसूर्या ने बनाए हैं। उन्होंने 25 वनडे मैचों में 53.04 की औसत और 102.52 की स्ट्राइक रेट के साथ 1,220 रन बनाए हैं। उनके बाद कुमार संगाकारा ने 48.86 की औसत के साथ 1,075 रन बनाए हैं। टी-20 प्रारूप में खेले गए एशिया कप में सबसे ज्यादा रन विराट कोहली ने बनाए हैं। उन्होंने 10 टी-20 मैचों में 85.80 की औसत से 429 रन बनाए हैं।
इन गेंदबाजों ने लिए हैं सर्वाधिक विकेट
वनडे प्रारूप में हुए एशिया कप में सर्वाधिक विकेट मुथैया मुरलीधरन ने लिए हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में 24 वनडे में 28.83 की औसत से 30 विकेट चटकाए हैं। उनके बाद इस सूची में लसिथ मलिंगा (29) और अजंता मेंडिस (26) अन्य गेंदबाज हैं। टी-20 प्रारूप में खेले गए एशिया कप में सर्वाधिक विकेट भुवनेश्वर कुमार ने लिए हैं। उन्होंने 6 टी-20 मैच में 5.34 की इकॉनमी रेट से 13 विकेट लिए हैं।
एशिया कप 2023 में हिस्सा लेंगी 6 टीमें
एशिया कप 2023 में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें हिस्सा लेंगी। इन टीमों को 2 ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप-A में भारत, पाकिस्तान और नेपाल हैं, जबकि ग्रुप-B में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका की टीमें मौजूद है। दोनों ग्रुप की शीर्ष 2-2 टीमें सुपर-4 के लिए क्वालीफाई करेंगी। 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत 4 मुकाबले पाकिस्तान में खेले जाएंगे और बचे हुए 9 मुकाबले श्रीलंका में होंगे।