#NewsBytesExplainer: बॉलीवुड में 'बरसात' से शुरू हुआ रोमांटिक फिल्मों का चलन, लिखी सफलता की नई कहानी
क्या है खबर?
करण जौहर के निर्देशन में बनी फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' खूब सुर्खियों में है।
वैसे भी करण रोमांटिक कहानियां कहने में माहिर हैं। 'रॉकी और रानी..' के जरिए वह रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की एक और रोमांटिक जोड़ी पेश करने की पक्की तैयारी में हैं। यह फिल्म 28 जुलाई को रिलीज होने वाली है।
आइए इसकी रिलीज से पहले बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म 'बरसात' के बारे में जानें, जिसके बाद रोमांटिक फिल्में खूब बनने लगीं।
बदलाव
रोमांटिक फिल्मों का चलन शुरू
'बरसात' 1949 में आई, जिसके बाद ज्यादातर फिल्मों में रोमांस भुनाया जाने लगा। इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक और हीरो राज कपूर ने अश्लीलता और खूबसूरती के बीच का अंतर दर्शकों को समझाया।
नायिकाओं की खूबसूरती पर्दे पर उकेरने के लिए उन्हें आलोचना भी मिली। कपूर उस दौर में खुलापन चाहते थे, जब साड़ी का पल्लू भी सरक जाए तो सेंसर बोर्ड की भौहें टेढी हो जाया करती थीं।
कपूर से पहले शायद ही किसी ने रोमांस इस अंदाज में फिल्माया।
सौगात
हिंदी सिनेमा को मिला निम्मी का नजराना
बतौर अभिनेता और निर्देशक कपूर ने हेमा मालिनी, सिमी ग्रेवाल, पद्मिनी कोल्हापुरे, मंदाकिनी और साधना समेत कई हीरोइनों को अपनी फिल्मों में ब्रेक दिया, जो आगे चलकर बहुत बड़ा नाम बनीं। कपूर से मिले ब्रेक के बाद इन्होंने इंडस्ट्री को बहुत कुछ लौटाया।
निम्मी भी उन्हीं की खोज थीं, जिन्हें 'बरसात' से कपूर ने बॉलीवुड के दर्शन कराए।
इस फिल्म के बाद निम्मी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने दिलीप कुमार और देवानंद जैसे कई बड़े कलाकारों संग इश्क फरमाया।
कामयाबी
कपूर के करियर की पहली सबसे बड़ी हिट
कपूर ने 24 की उम्र में RK स्टूडियोज स्थापित किया और वह अपने जमाने के सबसे कम उम्र के निर्देशक भी बन गए।
बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म 'आग' थी। हालांकि, यह फिल्म फ्लॉप हो गई। एक अभिनेता के रूप में उन्हें सफलता मिली 1949 में आई फिल्म 'अंदाज' से।
इसके बाद वह 'बरसात' लेकर आए और यह उनके करियर की पहली फिल्म थी, जिसके जरिए उन्हें एक साथ निर्माता, निर्देशक और स्टार के रूप में बड़ी सफलता हाथ लगी।
बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
फिल्म की कमाई ने बढ़ाया RK स्टूडियो का दायरा
'बरसात' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। सैकनिल्क के मुताबिक, इसने दुनियाभर में 2.50 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इस फिल्म ने इससे 2 महीने पहले रिलीज हुई महबूब खान की फिल्म 'अंदाज' का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था।
यह उस वक्त भारतीय सिनेमा में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी थी।
यही वो फिल्म थी, जिसने कपूर का सिक्का इंडस्ट्री में जमा दिया। इसकी सफलता के बाद RK स्टूडियो का कामकाज काफी बढ़ने लगा।
मोहब्बत
'बरसात' के सेट पर राज और नरगिस के बीच फूटा प्यार का अंकुर
जब-जब बड़े सितारों की प्रेम कहानियों का जिक्र होता है, सबसे पहले राज कपूर और नरगिस की याद आती है। कपूर की नरगिस से मुलाकात फिल्म 'आग' के सेट पर हुई थी और पहली ही नजर में वह उनसे प्यार कर बैठे थे।
हालांकि, 'बरसात' वो फिल्म थी, जहां दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा। फिल्म के साथ-साथ सेट पर बढ़तीं राज और नरगिस की नजदीकियों ने भी लोगों के बीच जमकर सुर्खियां बटोरीं।
गाने
गाने भी हुए सुपरहिट
'बरसात' ने न सिर्फ कमाई के मामले में रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि आज भी इस फिल्म की कहानी और गाने लोगों के दिल में जिंदा हैं।
इसके रोमांटिक दृश्यों में भी गजब की स्वाभाविकता थी। दरअसल, इसकी रिलीज तक कपूर का जादू नरगिस पर पूरी तरह छा चुका था और उन्होंने अपनी असल प्रेम कहानी को पर्दे पर जिया था।
इस फिल्म के गीत 'अब मेरा कौन सहारा', 'बरसात में हमसे मिले तुम', 'बिछड़े हुए परदेसी', 'जिया बेकरार है' घर-घर गूंजे।
पहली रोमांटिक फिल्म
'देवदास' मानी जाती है बॉलीवुड की पहली रोमांटिक फिल्म
1936 में आई हिंदी फिल्म 'देवदास' बॉलीवुड की पहली राेमांटिक फिल्म मानी जाती है। मशहूर गायक और अभिनेता केएल सहगल इस फिल्म के हीरो थे।
इसमें अभिनेत्री जमुना बरुआ उनकी जोड़ीदार थीं। यह वो दौर था, जब फिल्मकार विवादों से बचने के लिए अपनी फिल्मों में रोमांस का तड़का लगाने से कतराते थे।
'देवदास' को बाद में दिलीप कुमार के साथ बनाया गया और इसके बाद ही उन्हें बॉलीवुड का 'ट्रैजेडी किंग' कहा जाने लगा।
रोमांस का नया रूप
महबूब से सच्ची मोहब्बत करना सिखा गई 'मुगल-ए-आजम'
1960 में आई 'मुगल-ए-आजम' प्यार की सारी मिसालें पेश करती फिल्म है। 'मोहब्बत जो डरती है, वह मोहब्बत नहीं, अय्याशी है, गुनाह है, फिल्म का यह डायलॉग आज भी हर उस आशिक के दिल में है, जो अपने साथी से सच्चा प्यार करता है।
इस फिल्म में अकबर के शहजादे सलीम और दासी अनारकली की खूबसूरत प्रेम कहानी को दिखाया गया।
के आसिफ के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दिलीप कुमार, मधुबाला और पृथ्वीराज कपूर लीड रोल में थे।
तबका
राजेश खन्ना को मिला पहली दफा 'रोमांस के किंग' का खिताब
1970 और 1980 के दशक में राजेश खन्ना को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार कहा जाता था। उन्होंने एक के बाद एक 15 हिट फिल्में दी थीं। उनका यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया।
पर्दे पर उनके रोमांस करने का अंदाज ही सबसे अलग था। उन्हें बॉलीवुड में सबसे पहले 'रोमांस के किंग' का तबका मिला।
'आराधना' से 'कटी पतंग' और 'अमर प्रेम' जैसी कई रोमांटिक फिल्मों से खन्ना ने अपने रोमांटिक अंदाज से दर्शकों को अपना मुरीद बनाया।
आधुनिक रोमांस
'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से शुरू हुआ नए दौर का रोमांस
यह पहली ऐसी बॉलीवुड फिल्म है, जिसने रोमांस का एक नया चलन शुरू किया। इसी के बाद शाहरुख खान को रोमांस का बादशाह कहा जाने लगा था। खन्ना के बाद इकलौते शाहरुख ही रहे, जिन्हें रोमांस किंग की उपाधि मिली।
इसके बाद शाहरुख ने नएपन के साथ 'दिल तो पागल है', 'वीर जारा', 'कुछ कुछ होता है' और 'कल हो न हो' जैसी रोमांस के खुमार में डूबीं कई फिल्में कीं। लिहाजा उनकी छवि रोमांटिक हीरो की ही बन गई।