IPL 2020: खिलाड़ी से हुआ 'सट्टेबाजी' के लिए संपर्क, ACU से की शिकायत
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 13वां सीजन UAE में खेला जा रहा है और रोमांच का तड़का हरह सीजन की तरह इस सीजन भी चरम पर है। कोरोना वायरस के कारण इस बार चीजें बदली हुई हैं और खिलाड़ी बॉयो-सेक्योर वातावरण में रह रहे हैं। IPL में हिस्सा ले रहे एक खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की एंटी करप्शन यूनिट (ACU) से भ्रष्टाचार संबंधी संपर्क किए जाने की शिकायत की है।
संपर्क करने वाले व्यक्ति को कर रहे ट्रैक- ACU चीफ
ACU चीफ अजीत सिंह ने PTI से इस खबर की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने खिलाड़ी का नाम उजागर नहीं किया है। उन्होंने कहा, "हां, एक खिलाड़ी ने संपर्क किए जाने की शिकायत की है। हम संपर्क करने वाले व्यक्ति को ट्रैक कर रहे हैं। इसमें थोड़ा समय लगेगा।" एक बात साफ कर दी गई है कि संपर्क सोशल मीडिया के माध्यम से किया गया क्योंकि बॉयो-सेक्योर वातावरण में बाहरी लोग प्रवेश नहीं कर सकते।
भ्रष्टाचार से बचाव के लिए BCCI ने की है पूरी तैयारी
टीमों के बॉयो-सेक्योर वातावरण में रहने की हालत में ACU ने खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के साथ कई बार ऑनलाइन बात करके उन्हें भ्रष्टाचार संबंधी चीजों के लिए शिक्षा दी थी। टूर्नामेंट शुरु होने से पहले BCCI ने खेलों की अखंडता के समाधान और डाटा देने वाली स्पोर्टरडार को भी अपने साथ जोड़ा था। इसे ACU के साथ काम करने के लिए रखा गया है ताकि टूर्नामेंट की अस्मिता साफ-सुथरी बनी रहे।
इस तरह काम करती है स्पोर्टरडार
स्पोर्टरडार के पास एक फ्रॉड डिटेक्टिंग सिस्टम (FDS) है जो अलग-अलग देशों और क्षेत्रों के लगभग 600 सट्टेबाजों के मार्केट पर निगाह रखती है। FDS को सेट किया जाता है कि वह मार्केट में आ रहे बदलावों पर नजर रखे और यदि किसी तरह की संवेदनशील या असामान्य गतिविधि होती है तो सिस्टम अलर्ट जारी करती है। 15 सितंबर को FDS के लोगों ने IPL टीमों के साख पहली बार बातचीत की थी।
पहली बार तकनीकी का इस्तेमाल कर रही है BCCI
पहली बार BCCI ने सट्टेबाजों से निपटने के लिए तकनीकी का सहारा लिया है। इससे पहले वे ACU टीम पर निर्भर होते थे जो लोकल पुलिस की सूचनाओं और फोर्स के सहारे काम करती है।