रोहित शर्मा ने अपने इंटरनेशनल करियर के सबसे खराब लम्हें का किया खुलासा
भारत के विस्फोटक ओपनिंग बल्लेबाज रोहित शर्मा को विश्व के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। रोहित लगातार भारतीय टीम का अटूट हिस्सा रहे हैं और ओपनर के तौर पर उन्होंने अपने देश के लिए अदभुत प्रदर्शन किया है। हालांकि, हर खिलाड़ी की तरह उनके करियर में भी कुछ खराब लम्हें रहे हैं। केविन पीटरसन के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए रोहित ने भी अपने खराब लम्हे के बारे में खुलासा किया।
2011 विश्व कप के लिए नहीं चुना जाना मेरे लिए सबसे खराब लम्हा- रोहित
रोहित ने अपने खराब लम्हे के बारे में कहा, "2011 विश्व कप के लिए टीम में नहीं चुना जाना मेरे लिए सबसे खराब लम्हा रहा, क्योंकि यह हमारे घर में हो रहा था। इसका फाइनल मेरे होम ग्राउंड पर खेला जाना था।" उन्होंने यह भी कहा कि टीम में नहीं चुने जाने के पीछे का कारण उनका खुद का प्रदर्शन था। वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे और इसी कारण उन्हें टीम में नहीं चुना गया।
भारत ने 28 साल बाद जीता था विश्व कप
1983 में कपिल देव की अगुवाई में विश्व कप जीतने के बाद भारत ने 28 साल बाद इस खिताब पर अपना कब्जा जमाने में सफलता हासिल की थी। भारत 2003 में भी फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। 2011 विश्व कप फाइनल में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराया था। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 और गौतम गंभीर ने 97 रनों की पारी खेली थी।
2011 विश्व कप में ये थी भारतीय टीम
महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान और विकेटकीपर), वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, युसुफ पठान, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा, मुनफ पटेल, एस श्रीसंत, पीयूष चावला और रविचंद्रन अश्विन।
2011 विश्व कप से ठीक पहले ऐसा रहा था रोहित का प्रदर्शन
19 फरवरी से शुरु होने वाले 2011 विश्व कप से ठीक पहले भारतीय टीम ने पांच मैचों की वनडे सीरीज़ के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। इस दौरान रोहित ने तीन मैचों में ओपनिंग किया था। ओपनिंग के दौरान रोहित 23, एक और पांच रन का स्कोर ही बना सके थे। अन्य दो मैचों में मिडिल ऑर्डर में खेलते हुए रोहित ने 11 और नौ रन का स्कोर बनाया था।
विश्व कप के बाद रोहित ने की थी शानदार वापसी
2011 विश्व कप के बाद भारतीय टीम मेें वापसी करते हुए रोहित ने 11 मैचों में 562 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने छह अर्धशतक लगाए थे। हालांकि, 2012 उनके लिए काफी निराशाजनक साल रहा था। 2012 में रोहित 14 मैचों में केवल 168 रन ही बना सके थे। इस दौरान वह एक ही अर्धशतक लगा सके और तीन बार शून्य पर आउट हुए थे। यह रोहित के इंटरनेशनल करियर का सबसे खराब प्रदर्शन है।