अब 'बलिदान बैज' के साथ मैदान पर नहीं उतरेंगे धोनी? ICC ने BCCI को दिया जवाब
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 2019 क्रिकेट विश्व कप के दौरान एम एस धोनी के विकेटकीपिंग दस्तानों पर सेना के चिन्ह ('बलिदान बैज') के बने रहने की भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की अपील ठुकरा दी है। ICC ने शुक्रवार देर रात एक बयान जानकारी कर इस बात की सूचना दी। साथ ही ICC ने इसे अपने नियमों के खिलाफ बताया है। बता दें कि 2019 विश्व कप में भारत अपना अगला मैच 9 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगा।
धोनी का दस्तानों पर 'बलिदान बैज' धारण करना नियमों के खिलाफ- ICC
ICC ने अपने बयान में साफ कर दिया कि वह धोनी को दस्तानों पर 'बलिदान बैज' बनाए रखने की अनुमति नहीं दे सकती, क्योंकि ऐसा करना उसके नियमों के खिलाफ है। ICC ने कहा, "ICC टूर्नामेंट्स के नियम किसी भी तरह के व्यक्तिगत संदेश और लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैचों में किसी भी वस्तु अथवा कपड़ों पर लिखने या चिपकाने की अनुमति नहीं देते हैं। इसी कारण धोनी का दस्तानों पर 'बलिदान बैज' धारण करना नियमों के खिलाफ है।"
साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच के बाद से छिड़ गया है विवाद
5 जून को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मैच में एम एस धोनी के दस्तानों पर 'बलिदान बैज' बना हुआ दिखा था। जिसके बाद ICC ने BCCI से कहा था कि वह धोनी से यह चिन्ह हटाने को कहे। वहीं, BCCI की प्रशासकों की समिति ने ICC से अपील की थी कि वो धोनी को दास्तानों पर ये चिन्ह बनाए रखने की इजाज़त दे। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग धोनी के इस कदम की खूब सराहना कर रहे हैं।
'बलिदान ब्रिगेड' का चिन्ह है 'बलिदान बैज'
आपको बता दें कि धोनी के दास्तानों पर जो 'बलिदान बैज' दिख रहा है, वो 'बलिदान ब्रिगेड' का चिन्ह है। और सिर्फ पैरामिलिट्री कमांडो को ही यह चिन्ह धारण करने का अधिकार है।
पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं एम एस धोनी
भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ एम एस धोनी भारतीय सेना में हैं। धोनी को सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक प्रदान की गई है। धोनी भारतीय सेना के पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद धोनी फिलहाल सीमित ओवरों में भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं। भारत को 2011 विश्व कप जिताने के बाद धोनी को इस सम्मान से नवाज़ा गया था। और धोनी समय मिलने पर सेना के कार्यक्रमों में भी शामिल होते हैं।