IPL 2022: प्लेइंग कंडीशन आई सामने, इन नियमों में देखने को मिलेगा बड़ा बदलाव
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 की प्लेइंग कंडीशन का खुलासा कर दिया गया है और इस बार लीग में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। कोरोना वायरस के कारण प्लेइंग इलेवन पूरी नहीं कर पाने से लेकर डिसीजन रीव्यू सिस्टम (DRS) तक में बदलाव किए गए हैं। इसके अलावा कैच आउट होने के बाद बल्लेबाज के स्ट्राइक चेंज में भी अहम बदलाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं इस सीजन के लिए नियमों में क्या बदलाव हुए हैं।
कोरोना से प्रभावित टीमों के लिए किया गया ये बदलाव
पिछले सीजन तक कोरोना से परेशान टीमों के लिए नियम था कि यदि कोई टीम कोरोना के कारण प्लेइंग इलेवन नहीं उतार पाती है तो उन्हें मैच हारा हुआ माना जाएगा और सामने वाली टीम को दो अंक दे दिए जाएंगे। हालांकि, इस सीजन के लिए इसमें बदलाव किया गया है। इस सीजन ऐसी स्थिति में पहले तो मैच को रिशेड्यूल करने की कोशिश की जाएगी और यह संभव नहीं होने पर टेक्निकल कमेटी अंतिम फैसला लेगी।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
इस सीजन के लिए प्रत्येक पारियों में DRS की संख्या को एक से बढ़ाकर दो कर दिया गया है। अब तक लीग में हर टीम को एक ही DRS मिलते थे।
कैच आउट की दशा में नया बल्लेबाज ही लेगा स्ट्राइक
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने हाल ही में कैच आउट की दशा में बल्लेबाजों के स्ट्राइक बदलने के नियम में बदलाव की घोषणा की थी और IPL ने इसे इसी सीजन से अपना लिया है। एक बयान में बताया गया, "कैच आउट होने की दशा में नया बल्लेबाज की स्ट्राइक लेगा। यदि ओवर की आखिरी गेंद नहीं रही तो फिर बल्लेबाजों के छोर बदलने या नहीं बदलने से इसमें कोई फर्क नहीं आएगा।"
सुपर ओवर को लेकर लगातार दूसरी बार हुआ बदलाव
BCCI ने यह भी कहा है कि यदि नॉकआउट स्टेज के किसी मुकाबले का परिणाम सुपर ओवर में भी नहीं निकल सकता है तो लीग स्टेज में आगे रहने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाएगा। सुपर ओवर के नियम में कुछ बदलाव पिछले सीजन ही किए गए थे। इन बदलावों के मुताबिक मैच समाप्त होने से एक घंटे तक लगातार सुपर ओवर कराए जाएंगे जब तक कि परिणाम नहीं निकल सके।
पिछले सीजन हुए थे ये बड़े बदलाव
पिछले सीजन किए गए कुछ अहम बदलावों में प्रत्येक पारी को 90 मिनट में समाप्त करना भी शामिल था। 90 मिनट के इस नियम में एक टीम के लिए प्रत्येक पांच मिनट के दो स्ट्रैटेजिक टाइमआउट भी शामिल थे। लीग से पिछले सीजन ही सॉफ्ट सिग्नल को हटा दिया गया था। थर्ड अंपायर एक मैच के दौरान उन कैच पर फैसला करेगा जो स्पष्ट नहीं हैं। इसके अलावा फील्ड ऑब्स्ट्रक्शन और शार्ट रन पर भी थर्ड अम्पायर निर्णय लेता है।