वोडाफोन-आइडिया को मिली 1Gbps की 5G डाउनलोड स्पीड, भोपाल स्मार्ट सिटी में टेस्टिंग
क्या है खबर?
टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया (Vi) भोपाल स्मार्ट सिटी में छोटे सेल्स और एरियल फाइबर का ढांचा तैयार करने के लिए स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग कर रही है।
यह प्रयोग टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से चलाए जा रहे पायलट प्रोग्राम का हिस्सा है।
इन पायलट प्रोग्राम्स का मकसद 5G नेटवर्क्स रोलआउट के लिए अलग-अलग सेक्टर्स के तैयार ढांचे के इस्तेमाल को आसान बनाना है।
Vi को इस टेस्टिंग के दौरान 1Gbps तक 5G डाउनलोड स्पीड मिली।
प्रोग्राम
मौजूदा ढांचे की मदद से 5G कनेक्टिविटी
ट्रैफिक सिग्नल पोल, स्ट्रीट लाइट पोल, स्मार्ट पोल, बिलबोर्ड, डायरेक्शन बोर्ड, रोड साइन, फुट ओवरब्रिज और सिटी बस स्टॉप जैसे स्ट्रीट फर्नीचर का इस्तेमाल 5G स्मॉल सेल्स की टेस्टिंग के लिए किया जा सकता है।
5G की तैयारी टेस्ट करने के लिए TRAI ने भोपाल स्मार्ट सिटी को देश की मेन स्मार्ट सिटी लोकेशन के तौर पर Vi को ट्रायल्स करने के लिए सौंपा है।
यही मॉडल और प्रोग्राम देश के दूसरे शहरों में भी लागू किया जा सकता है।
स्पीड
भोपाल के इन हिस्सों में मिली टॉप डाउनलोड स्पीड
पायलट प्रोग्राम में नई टेक्नोलॉजी से जुड़े पहलुओं के अलावा कॉर्डिनेशन, प्रबंधन, अनुमति लेने और ऑथराइजेशन जैसी चीजें भी शामिल हैं।
इसमें मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ऑफिस, भोपाल स्मार्ट सिटी, भोपाल पुलिस, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बस सिटी सर्विस), DISCOM, एडवर्टाइजिंग एजेंसी और दूसरे राज्य निकायों का सहयोग लिया गया।
Vi को चार लोकेशंस पर 1Gbps की 5G डाउनलोड स्पीड मिली, जिनमें न्यू मार्केट, ज्योति स्क्वेयर, प्रभात पेट्रोल पंप और इंटरस्टेट बस टर्मिनस शामिल हैं।
टेस्टिंग
देशभर में 5G की टेस्टिंग कर रही है TRAI
5G रोलआउट से पहले ही TRAI देश के अलग-अलग हिस्सों में 5G रेडिनेस की टेस्टिंग स्मॉल सेल और एरियल फाइबर के साथ कर रही है।
TRAI बेंगलुरू मेट्रो रेल, नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गुजरात के कांडला में दीनदयाल पोर्ट पर भी 5G ट्रायल्स आयोजित कर रही है।
Vi इससे पहले 5G टेक्नोलॉजी आधारित कई सॉल्यूशंस शोकेस कर चुकी है और इनके कई यूज-केसेज सामने आए हैं।
कंपनी को पुणे, महाराष्ट्र और गांधीनगर, गुजरात में भी ट्रायल स्पेक्ट्रम मिले हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
5G नेटवर्क्स सिग्नल्स ट्रांसमिट करने के लिए बेस स्टेशंस पर निर्भर करते हैं और जटिल ढांचे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में टेलिकॉम कंपनियां अगर मौजूदा ढांचे और उपकरणों का इस्तेमाल कर पाती हैं, तो यह 5G रोलआउट आसान बना देगा।
समझें
आखिर क्या होते हैं स्मॉल सेल्स?
स्मॉल सेल्स ऐसे नेटवर्क उपकरण हैं, जिन्हें Vi की मदद से 4G नेटवर्क क्षमता बेहतर करने के लिए लगाया गया था।
ट्रायल्स में पता किया जा रहा है कि क्या इनका फायदा भविष्य में 5G सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है।
ये उपकरण हाई-फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम्स इस्तेमाल करते हैं, जिससे अल्ट्रा-हाई ब्रॉडबैंड स्पीड मिलती है और यूजर के पास होने के चलते ये यूजर रिक्वेस्ट पर तेजी से प्रतिक्रिया देते हैं।
नीलमी
चल रही है 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया
भारत में 5G स्पेक्ट्रम्स नीलामी की प्रक्रिया 26 जुलाई से शुरू हुई है, जिसके बाद अगले कुछ महीनों में 5G रोलआउट शुरू होगा।
अब तक 23 राउंड से ज्यादा बोली इन स्पेक्ट्रम्स के लिए लगाई जा चुकी है और करीब 72 प्रतिशत स्पेक्ट्रम्स बिक चुके हैं।
रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया (Vi) और अडाणी ग्रुप इस नीलामी का हिस्सा बने हैं।
नीलामी में अब तक जियो की ओर से सबसे ज्यादा निवेश किया गया है।