पहले से आसान हुआ मोबाइल नंबर पोर्ट कराना, लागू हुए नए नियम
मोबाइल नंबर पोर्ट करना अब पहले से आसान हो गया है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है। TRAI ने सर्विस एरिया के भीतर नंबर बदलने से जुड़ी रिक्वेस्ट को पूरा करने के लिए दो कामकाजी दिन और दूसरे सर्विस एरिया से नंबर पोर्ट करने के लिए चार कामकाजी दिन का समय तय किया है। अब कंपनियों के लिए तय समय में नंबर पोर्ट करना जरूरी होगा।
15 दिन से घटकर समयसीमा चार दिन तय
नियमों में बदलाव के बारे में TRAI ने कहा है कि नंबर पोर्ट करवाने से जुड़ी रिक्वेस्ट (कॉर्पोरेट कैटेगरी के नंबर छोड़कर) को जल्दी पूरा करने के लिए इंट्रा-लाइंसेस्ड सर्विस नंबर (एक ही सर्विस एरिया) के लिए समयसीमा 2 कामकाजी दिन तय की गई है। वहीं दूसरे सर्विस एरिया के लिए पोर्ट रिक्वेस्ट को पूरा करने के लिए 4 दिन की समयसीमा तय की गई है। बता दें कि पहले यह समयसीमा 15 दिन थी।
जुर्माने का प्रावधान
नए नियमों के मुताबिक, अगर कोई कंपनी MNP की रिक्वेस्ट को गलत कारणों से रिजेक्ट करेगी तो उस पर Rs. 10,000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इससे कंपनियों पर ग्राहकों को सही सेवा देने का दवाब बढ़ेगा।
UPC की वैलिडिटी भी कम हुई
TRAI ने इसके अलावा यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) की वैलिडिटी भी कम कर दी है। बता दें, UPC वह कोड होता है जो टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को MNP की रिक्वेस्ट करने पर भेजा जाता है। यह कोड पहले 15 दिनों तक मान्य होता था, लेकिन अब यह सिर्फ चार दिन के लिए मान्य होगा। हालांकि, यह बदलाव पूरे भारत में लागू नहीं होगा। जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में यह 15 दिन के लिए मान्य होगा।
साल 2011 में शुरू हुई थी MNP सर्विस
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) सर्विस को जनवरी 2011 में शुरू किया गया था। इसके तहत किसी टेलीकॉम कंपनी के ग्राहक को बिना अपना नंबर बदले दूसरी कंपनी चुनने की आजादी होती है। अगर कोई ग्राहक अपना नंबर पोर्ट करना चाहता है तो उसे 'PORT' के बाद अपना मोबाइल नंबर लिखकर 1900 पर SMS भेजना होता है। इसके बाद तय दस्तावेज जमा करने पर ग्राहक का नंबर दूसरी कंपनी में पोर्ट कर दिया जाता है।