स्पेस-X ने लॉन्च किए 53 स्टारलिंक सैटेलाइट, फाल्कन 9 रॉकेट ने कक्ष में पहुंचाया
क्या है खबर?
स्पेस-X ने अपने 53 स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट्स को गुरुवार की सुबह लॉन्च किया। इन्हें फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए कक्षा में भेजा गया और यह इस रॉकेट 200वीं उड़ान थी।
फाल्कन 9 रॉकेट ने 53 स्टारलिंक सैटेलाइट्स के साथ फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से गुरुवार को भारतीय समयानुसार लगभग रात 1:30 बजे उड़ान भरी। रॉकेट ने सुबह के अंधेरे में लॉन्च होने के लगभग 2 मिनट 30 सेकंड बाद अपना पहला चरण सफलतापूर्ण पूरा कर लिया।
वनवेब
लॉन्च होने के एक घंटे बाद छोड़ दिए गए सभी 53 सैटेलाइट्स
स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट्स लॉन्च होने के करीब एक घंटे बाद दूसरे चरण ने सभी 53 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक छोड़ दिया। इससे पहले ये रॉकेट स्टारलिंक सैटेलाइट्स का एक और बड़ा बैच लॉन्च कर चुका है।
वनवेब-1 ने भी 40 इंटरनेट सैटेलाइट्स भेजे हैं। वनवेब भी सैटेलाइट इंटरनेट पर काम कर रही है। यही वजह है कि इसे स्पेस-X के स्टारलिंक के प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जाता है।
स्पेस-X
स्पेस-X का स्टारलिंक के लिए साल का चौथा लॉन्च
गुरुवार को स्पेस-X का जो लॉन्च हुआ वो इस साल का चौथा लॉन्च था। स्पेस-X कंपनी ने स्टारलिंक के इंटरनेट सैटेलाइट को लॉन्च किया। स्पेस-X ने अब तक 3,800 से अधिक स्टारलिंक सैटेलाइट लॉन्च किए हैं।
कंपनी को अभी 12,000 इंटरनेट क्राफ्ट को ले जाने की अनुमति मिली हुई है। इसके अलावा उसने 30,000 और स्टारलिंक सैटेलाइट्स को तैनात करने की मंजूरी के लिए आवेदन किया हुआ है।
स्टारलिंक
स्टारशिप ले सकता है फाल्कन 9 रॉकेट की जगह
अब तक के सभी स्टारलिंक सैटेलाइट्स को फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया है, लेकिन यह जल्द ही बदल सकता है।
स्पेस-X के संस्थापक और CEO एलन मस्क ने कहा कि कंपनी अगली पीढ़ी के स्टारलिंक 2.0 अंतरिक्ष यान को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से अपने विशाल स्टारशिप वाहन पर निर्भर करेगी।
स्टारशिप अभी तैयार हो रही है और ये इस महीने के अंत में अपनी पहली कक्षीय उड़ान भर सकता है।
इंटरनेट
धरती की निचली कक्षा में चक्कर लगाते हैं स्टारलिंक सैटेलाइट
कैलिफॉर्निया आधारित हॉथ्रोन से स्पेस-X के सैकड़ों स्टारलिंक सैटेलाइट 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती की निचले कक्षा में चक्कर लगाते हैं।
इसकी सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विस दुनिया के कई देशों में उपलब्ध है और कुछ देशों में जल्द ही इसकी सुविधा शुरू होने वाली है।
कुछ समय पहले स्टारलिंक ने भारत में भी बिना लाइसेंस मिले ही प्री-बुकिंग शुरू कर दिया था, लेकिन बाद में उसे अपना फैसला वापस लेना पड़ा।