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सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ NASA-SpaceX का मानवयुक्त मिशन, निजी कंपनी की है पहली अंतरिक्ष यात्रा

सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ NASA-SpaceX का मानवयुक्त मिशन, निजी कंपनी की है पहली अंतरिक्ष यात्रा

May 31, 2020
01:07 am

क्या है खबर?

अमेरिका ने अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी हासिल की है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने SpaceX के साथ मिलकर इतिहास रचते हुए रात करीब 1 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39-A से मानवयुक्त रॉकेट को लॉन्च कर दिया। यह मिशन पहले 27 मई की रात करीब 2 बजे लॉन्च होने वाला था, लेकिन खराब मौसम के कारण स्थगित करना पड़ा था। इस लॉन्चिंग के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति माइक पेंस भी मौजूद रहे।

सफलता

अमेरिकी धरती से नौ साल बाद पहली मानवयुक्त उड़ान

अमेरिका के लिए यह मिशन 'लॉन्च अमेरिका' इसलिए बेहद खास है कि इस बार NASA ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में दो अंतरिक्ष यात्री डग हर्ली और बॉब बेन्कन को अध्ययन के लिए भेजा है। इन दोनों को क्रू ड्रैगन कैप्सूल में बिठाकर SpaceX के रॉकेट Falcon 9 के साथ जोड़कर भेजा गया है। अमेरिका की धतरी से नौ साल बाद यह पहली मानवयुक्त उड़ान है। इससे पहले अमेरिका ने साल 2011 में मानवयुक्त उड़ान अंतरिक्ष में भेजी थी।

जानकारी

स्पेसफ्लाइट के लिए अब तक रूस पर निर्भर था अमेरिका

NASA इन नौ वर्षों में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को सोयुज अंतरिक्ष यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भेजने के लिए रूस को लाखों डॉलर का भुगतान कर रहा था। SpaceX की सफल लॉन्चिंग से अमेरिका को आर्थिक रूप से बड़ा फायदा हुआ है।

निजी कंपनी

निजी कंपनी की है पहली अंतरिक्ष यात्रा

यह पहली बार हुआ है कि कोई निजी कंपनी अंतरिक्ष यात्रा करा रही है। SpaceX एक प्राइवेट रॉकेट और अंतरिक्ष यान कंपनी है। इसने NASA के साथ करार किया है। ऐसे में सफल लॉन्चिंग के साथ ही इस कंपनी ने भी इतिहास रच दिया है। बता दें कि साल 2002 में एलन मस्क ने 100 मिलियन डॉलर जितनी बड़ी रकम से SpaceX नाम की एक कंपनी बनाई थी। यह कंपनी सेटेलाइट को अपने ग्राहकों के लिए लॉन्च करती है।

सफर

19 घंटे में पहुंचेगा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन

NASA प्रशासक जिम ब्रिडेन्सटाइन के अनुसार, यह रॉकेट 19 घंटे बाद दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा देगा। यह स्टेशन धरती से 400 किलोमीटर ऊपर है और करीब 27,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धरती की परिक्रमा करता है। वहां पहुंचने पर दोनों अंतरिक्ष यात्री अपना अनुसंधान कार्य शुरू कर सकेंगे। इससे NASA को अंतरिक्ष को करीब से समझने में और मदद मिलेगी।

नियंत्रण

अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंचने पर यान नियंत्रित करेंगे अंतरिक्ष यात्री

क्रू ड्रैगन के पृथ्वी की कक्षा को छोड़ने में मदद के लिए पहले चरण में Falcon 9 अलग होने से पहले 2.5 मिनट के लिए बर्न करेगा, जबकि दूसरी बार छह मिनटों तक बर्न जारी रखेगा और फिर अलग हो जाएगा। इसके बाद यान का नियंत्रण अंतरिक्ष यात्रियों के हाथ में होगा और वह फायर थ्रस्टर्स का परीक्षण करेंगे और आगे की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। Falcon 9 रॉकेट वापिस धरती पर लौट आएगा, क्योंकि यह एक रियूजेबल रॉकेट है।

अवधि

110 दिन से कम समय तक अंतरिक्ष में रहेंगे दोनों अंतरिक्ष यात्री

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यात्री अभियान 63 चालक दल में शामिल होंगे और अंतरिक्ष में अनुसंधान और अन्य कार्यों का संचालन शुरू करेंगे। उनके रहने की अवधि निर्धारित नहीं है, लेकिन उनके 110 दिनों से कम समय तक वहां रहने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि इस उड़ान परीक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा क्रू ड्रैगन केवल इतने समय तक ही अतंरिक्ष स्टेशन की कक्षा में रहने में सक्षम है।