
हवाई जहाजों, शिप्स और बड़ी गाड़ियों को सैटेलाइट इंटरनेट से जोड़ना चाहती है स्पेस-X
क्या है खबर?
अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को एक कदम आगे लेकर जाना चाहती है।
स्पेस-X चाहती है कि उसकी स्टारलिंक सैटेलाइट सेवा से एयरक्राफ्ट, शिप्स, ट्रक्स और गाड़ियों से जोड़ा जाए और इसके लिए कंपनी ने फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) के पास रिक्वेस्ट फाइल की है।
हालांकि, टेस्ला कारों को इससे लिंक नहीं किया जाएगा और मस्क ने खुद इस बात की पुष्टि की है।
टेस्ला एलन मस्क की इलेक्ट्रॉनिक कारें बनाने वाली कंपनी है।
रिपोर्ट
FCC फाइलिंग से सामने आई जानकारी
स्पेस-X के फ्यूचर प्लान से जुड़ी जानकारी FCC फाइलिंग में सामने आई है।
फाइलिंग के मुताबिक, "जिस ब्लैंकेट के लिए लाइसेंस मांगा गया है, उसमें ऑपरेशन शुरू होने के बाद इन-मोशन ब्रॉडबैंड सेवाओं के मार्केट में प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, जिसका फायदा अमेरिका और दूसरे देशों में ड्राइवर्स, शिप चलाने वालों और हवाई यात्रा करने वालों को मिलेगा।"
टेस्ला कारों को स्टारलिंक से ना जोड़ने की वजह मस्क ने बताई है कि इसके लिए स्टारलिंक टर्मिनल ज्यादा बड़ा है।
स्टारलिंक
क्या है मस्क की स्टारलिंक सेवा?
एलन मस्क ने कई स्टार्ट-अप शुरू किए हैं और स्टारलिंक उनका सैटेलाइट इंटरनेट से जुड़ा फ्यूचर प्रोजेक्ट है।
स्टारलिंक प्रोजेक्ट के तहत हजारों छोटे सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजकर उनकी मदद से सुदूर क्षेत्रों तक इंटरनेट पहुंचाया जाएगा।
स्टारलिंक सैटेलाइट पृथ्वी के लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजे जा रहे हैं और ग्राउंड ट्रांसीवर्स की मदद से इनका फायदा सामान्य यूजर्स को मिलेगा।
कंपनी अपनी सेवा के बीटा फेज में करीब 1,000 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुकी है।
टेस्टिंग
अभी शुरुआती दौर में स्टारलिंक सेवा
एलन मस्क ट्विटर पर ऐक्टिव रहते हैं और स्टारलिंक से जुड़ी जानकारी भी यहां शेयर करते रहते हैं।
बीते दिनों उन्होंने बताया कि 2021 के आखिर तक स्टारलिंक की योजना पूरी पृथ्वी को कवर करने की है और इसके लिए 12,000 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।
बीटा फेज में स्टारलिंक की मदद से 50Mbps से 150Mbps की स्पीड यूजर्स को मिल रही है।
साल के आखिर तक यह स्पीड लगभग दोगुनी होकर 300Mbps तक पहुंचने की बात कही गई है।
ट्विटर पोस्ट
ट्विटर पर दी जानकारी
Not connecting Tesla cars to Starlink, as our terminal is much too big. This is for aircraft, ships, large trucks RVs.
— Elon Musk (@elonmusk) March 8, 2021
ऑटोमोबाइल
सफर के दौरान मिलती रहेगी कनेक्टिविटी
स्टारलिंक को गाड़ियों, शिप्स और एयरक्राफ्ट्स से जोड़ने का मतलब है कि यूजर्स को सफर के दौरान हाई-स्पीड इंटरनेट मिलता रहेगा।
5 मार्च की FCC फाइलिंग में कहा गया है, "यूजर्स को सफर पर जाते वक्त अब इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत से नहीं जूझना होगा, फिर चाहे ट्रक ड्राइव करने की बात हो या एक देश से दूसरे देश में सफर कर रहे हवाई यात्री हों, सभी इंटरनेट से जुड़े रहेंगे।"
भारत
भारत में स्टारलिंक के लिए करें रजिस्टर
अगर आप भारत में रहते हैं और स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के बीटा टेस्टर बनना चाहते हैं तो इसके लिए प्री-रजिस्टर कर सकते हैं।
कंपनी की वेबसाइट पर अपनी लोकेशन और बाकी डीटेल्स डालने के बाद आप स्टारलिंक किट के लिए रजिस्टर कर पाएंगे।
इसके लिए आपको 99 डॉलर के रिफंडेबल अमाउंट का भुगतान करना होगा।
बता दें, भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा 2022 में आने की बात कही गई है।