भारत में फेसबुक, इंस्टाग्राम पर महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ी, AR क्रिएटर्स में भी महिलाएं आगे
क्या है खबर?
मेटा ने सोमवार को कहा कि बीते 3 सालों में भारत में उसकी ऐप्स का उपयोग करने वाली महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ी है।
कंपनी ने बताया कि भारत में पिछले 3 वर्षों में बिजनेस कैटेगरी के तहत खोले गए कुल इंस्टाग्राम अकाउंट्स में से 73 प्रतिशत अकाउंट्स महिला उद्यमी मैनेज कर रही हैं।
इसके अलावा पिछले 3 सालों में बिजनेस से जुड़े कुल फेसबुक पेज के 53 प्रतिशत पेज भी महिला एडमिन ने ही शुरू किए हैं।
डायरेक्टर
महामारी के दौरान शुरू हुई प्रगति अभी भी जारी है- अर्चना वोहरा
स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस फॉर मेटा इन इंडिया की डायरेक्टर अर्चना वोहरा ने एक बयान में कहा, "अधिक महिलाओं को डिजिटल तकनीकों की मदद से अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करते हुए देखना खुशी की बात है। हमें खुशी है कि हम इस यात्रा में एक भूमिका निभा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "यह देखना बहुत अच्छा है कि महामारी के दौरान होने वाली प्रगति महामारी के बाद भी जारी है।"
मेटा
तकनीक और रचनात्मक क्षेत्र में महिलाओं ने की प्रगति- मेटा
अर्चना ने कहा, "हमारी प्रतिबद्धता भारत के छोटे व्यवसायों के लिए विकास के रास्ते खोलना और महिला उद्यमियों को सक्षम बनाना है।"
मेटा ने यह भी कहा कि महिलाएं समुदायों का गठन करके एक-दूसरे का समर्थन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
मेटा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में बिजनेस से जुड़े 40 प्रतिशत फेसबुक ग्रुप महिलाओं द्वारा बनाए गए हैं। महिलाओं ने तकनीक और रचनात्मक क्षेत्र में भी प्रगति की है।
इंस्टाग्राम
स्पार्क AR क्रिएटर्स में 23 प्रतिशत महिलाएं - मेटा
मेटा ने कहा कि भारत में फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए स्पार्क ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) क्रिएटर्स में 23 प्रतिशत महिलाएं हैं। ये प्रगति का आशाजनक संकेत दिखा रही हैं।
बता दें, स्पार्क AR की मदद से ग्राहकों को बिजनेस से जुड़े प्रोडक्ट्स को बेहतर तरीके से अनुभव कराया जा सकता है।
ये फीचर फेसबुक और इंस्टाग्राम यूजर्स को मिलता है। हालांकि, AR का बेहतरीन अनुभव पाने के लिए VR हेडसेट और कंट्रोलर जैसे कुछ हार्डवेयर की भी जरूरत होती है।
आंगमेंटेड
क्या है ऑगमेंटेड रियलिटी?
AR में वास्तविकता का एहसास कराने के लिए असली जैसा वर्चुअल माहौल तैयार किया जाता है।
वर्चुअल रियलिटी (VR) में आप किसी चीज को बड़े रूप में देख सकते हैं, लेकिन उसे फील नहीं कर सकते। AR में आप माहौल को या प्रोडक्ट को फील भी कर पाएंगे।
उदाहरण के लिए वर्चुअल रियलिटी में आप सोफा सेट को बड़े साइज में देख सकते हैं, लेकिन ऑगमेंटेड रियलिटी में आप सोफा पर बैठकर देख भी सकते हैं।