भारत में सभी मोबाइल फोन्स के लिए एक जैसा चार्जर? एक्सपर्ट टीम तैयार करेगी सरकार
क्या है खबर?
भारत सरकार अगले कुछ दिनों में EU की कॉमन चार्जर पॉलिसी जैसे नियम ला सकती है।
यानी कि भारत में सभी मोबाइल फोन्स (चाहे वे किसी भी ब्रैंड के हों) और पोर्टेबल डिवाइसेज के लिए एक जैसा चार्जर मिलना अनिवार्य होगा।
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार मोबाइल फोन्स और दूसरे पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में कॉमन चार्जर्स के एडॉप्शन से जुड़ी संभावनाएं तलाशने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप्स सेटअप कर सकती है।
वजह
ई-कचरे जैसे मामलों से निपटने में मिलेगा फायदा
भारत में स्मार्टफोन्स और दूसरे पोर्टेबल डिवाइसेज के लिए कॉमन चार्जर का एडॉप्शन ई-कचरा कम करने और ग्राहकों को राहत देने जैसे मामलों में फायदेमंद हो सकता है।
एक्सपर्ट टीम सेटअप करने का फैसला करीब एक घंटे तक स्टेकहोल्डर्स के साथ चली मीटिंग के बाद लिया गया।
बता दें, गुरुवार को इस मामले से जुड़े स्टेकहोल्डर्स की एक मीटिंग हुई, जिसमें कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह की लीडरशिप में टीम बनाने पर सहमति दर्ज की गई।
मीटिंग
मीटिंग में शामिल हुए इंडस्ट्री से जुड़े ये नाम
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को हुई मीटिंग में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स इनोवेशन कॉन्सट्रियम (EPIC) फाउंडेशन चेयरमैन और HCL फाउंडर अजय चौधरी, मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MAIT) प्रेसिडेंट राजकुमार ऋषि, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू शामिल रहे।
इन नामों के अलावा कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CEAMA) प्रेसिडेंट एरिक ब्रिगेंजा और इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IEEMA) प्रेसिडेंट विपुल रे भी इस मीटिंग का हिस्सा बने।
फैसला
आखिरी फैसला लिए जाने से पहले विचार जरूरी
मीटिंग के आखिर में रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कॉमन चार्जर पॉलिसी एक 'जटिल मुद्दा' है।
उन्होंने कहा, "भारत की चार्जर्स मैन्युफैक्चरिंग में एक पोजीशन है। हमें सभी का पक्ष समझना होगा और कोई आखिरी फैसला लेने से पहले हम इंडस्ट्री, यूजर्स, मैन्युफैक्चरर्स और इनवायरमेंट से जुड़े पहलुओं पर विचार करना चाहते हैं।"
गुरुवार को हुई मीटिंग में मौजूद लगभग सभी लोगों ने इस पॉलिसी को लेकर अपना पक्ष रखा।
चुनौतियां
नई पॉलिसी लागू करने से जुड़ी चुनौतियां
मीटिंग के दौरान स्टेकहोल्डर्स ने अलग-अलग राय रखी और पाया कि कॉमन चार्जर से जुड़े बदलाव का असर इंडस्ट्री और ग्राहकों दोनों को कई स्तर पर प्रभावित करेगा।
कई स्टेकहोल्डर्स ने कहा कि भारत में बड़े स्तर पर चार्जर्स मैन्युफैक्चर किए जाते हैं और दूसरे देशों में इनका निर्यात होता है, जिसे समझना जरूरी है।
इसके अलावा नई पॉलिसी लो-कॉस्ट फीचर फोन्स पर लागू करने से उनकी कीमत बढ़ सकती है।
विकल्प
दो तरह के चार्जर्स पर विचार कर रहा है भारत
शुरू में भारत केवल दो तरह के चार्जर्स पर शिफ्ट कर सकता है, जिनमें USB टाइप-C और कुछ अन्य चार्जर (उदाहरण के लिए, माइक्रो USB) शामिल हो सकते हैं।
मौजूदा जटिलताओं और मुश्किलों को देखते हुए रोहित ने कहा, "हमने एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप बनाने का फैसला किया है, जो स्टडी के बाद दो महीने के अंदर अपने सुझाव देगा।"
उन्होंने बताया कि मोबाइल और फीचर फोन्स, लैपटॉप और टैबलेट्स और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए अलग-अलग ग्रुप बनाए जाएंगे।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
यूरोपियन यूनियन (EU) लॉ-मेकर्स ने कॉमन चार्जर पॉलिसी लागू की है और संबंधित मार्केट में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन्स में USB-C पोर्ट मिलना अनिवार्य कर दिया गया है। साल 2024 के बाद यहां लॉन्च होने वाले सभी फोन्स में टाइप-C चार्जर कनेक्ट किया जा सकेगा।