सरकार ने ब्लॉक किए 18 भारतीय और चार पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल, फेक न्यूज पर लगाम
क्या है खबर?
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से 18 भारतीय और चार पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स को ब्लॉक किया गया है।
आरोप है कि ये चैनल्स अपने वीडियोज के साथ फेक न्यूज और भारत-विरोधी कंटेंट शेयर कर रहे थे।
आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने बताया कि ये यूट्यूब चैनल्स टीवी न्यूज चैनल्स के लोगो और झूठे थंबनेल्स लगाकर व्यूअर्स को भ्रमित कर रहे थे।
इनके अलावा कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स और एक वेबसाइट को भी ब्लॉक किया गया है।
आदेश
IT रूल्स, 2021 के तहत दिया गया आदेश
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से IT रूल्स, 2021 के साथ मिलीं आपातकालीन क्षमताओं के साथ 4 अप्रैल, 2022 को ब्लॉक से जुड़े आदेश दिए गए हैं।
इस आदेश में 22 यूट्यूब न्यूज चैनल्स, तीन ट्विटर अकाउंट्स, एक फेसबुक अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट ब्लॉक करने की बात कही गई है।
ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनल्स के वीडियोज 260 करोड़ से ज्यादा बार देखे गए थे और इनपर संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी फेक न्यूज फैलाई जा रही थी।
वजह
चैनल्स पर इसलिए लगाया गया बैन
मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनल्स की मदद से भारतीय सेना, जम्मू और कश्मीर जैसे मुद्दों पर झूठी खबरें फैलाई जा रही थीं।
वहीं, पाकिस्तान से चलाए जा रहे कई सोशल मीडिया अकाउंट्स और ग्रुप्स भारत विरोधी कंटेंट भी शेयर कर रहे थे।
चैनल्स जिन मुद्दों पर झूठे वीडियोज बना रहे थे, वे राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत के अन्य देशों से संबंधों और नागरिकों में सौहार्द के लिहाज से महत्वपूर्ण और संवेदनशील हैं।
लिस्ट
इन चैनल्स पर लगाया गया प्रतिबंध
सरकार ने जिन चैनल्स पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें ARP न्यूज, AOP न्यूज, LDC न्यूज (4,72,000 सब्सक्राइबर्स), सरकारीबाबू (2,44,000 सब्सक्राइबर्स), SS जोन हिंदी, स्मार्ट न्यूज, न्यूज23हिंदी, ऑनलाइन खबर, DP समाचार, PKB न्यूज, किसान तक, बोराना समाचार, सरकारी न्यूज अपडेट, भारत मौसम (2,95,000 सब्सक्राइबर्स), RJ जोन 6, परीक्षा रिपोर्ट, डिजि गुरुकुल और दिनभरकीखबरें जैसे नाम शामिल हैं।
वहीं, दुनिया मेरे आगे (4,28,000 सब्सक्राइबर्स), गुलाम नबी मदनी, हकीकत टीवी (40,90,000सब्सक्राइबर्स) और हकीकत टीवी 2.0 (3,03,000 सब्सक्राइबर्स) पाकिस्तान से चलाए जा रहे थे।
चिंता
लोकप्रिय चेहरों का इस्तेमाल कर रहे थे चैनल
मंत्रालय ने कार्रवाई के बाद बताया है कि कई भारतीय यूट्यूब चैनल्स की ओर से राष्ट्रीय टीवी न्यूज चैनल्स के टेंपलेट्स और लोगो इस्तेमाल किए जा रहे थे।
इतना ही नहीं, व्यूअर्स को लुभाने और झूठी खबरें फैलाने के लिए इन चैनल्स की ओर से लोकप्रिय न्यूज एंकर्स के चेहरे थंबनेल्स में लगाए जा रहे थे।
इन थंबनेल्स में भरोसेमंद चेहरे को देखकर लाखों व्यूअर्स वीडियो पर यकीन कर लेते थे और उन्हें दूसरों के साथ शेयर करते थे।
बयान
मौजूदा हालात से जुड़ी अफवाहें फैलाने की कोशिश
आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा, "ऐसा पाया गया कि इन यूट्यूब चैनल्स की ओर से पब्लिश किया जा रहा झूठा कंटेंट यूक्रेन के मौजूदा हालात पर आधारित होता था और भारत के दूसरे देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था।"
बयान के मुताबिक, "इसके लिए वीडियो टाइटल और थंबनेल में बदलाव किए जाते थे, जिससे कंटेंट सोशल मीडिया पर ज्यादा शेयर किया जाए। कई मामलों में पाकिस्तान में बैठे लोग इसके लिए जिम्मेदार थे।"
न्यूजबाइट्स प्लस
पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ही दे सकता था आदेश
भारत सरकार ने पिछले साल IT नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जिसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय को इनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की ताकत मिल गई है।
इससे पहले तक वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश केवल इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय की ओर से दिया जा सकता था।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) भी IT ऐक्ट और इंडियन टेलिग्राफ रूल्स, 1951 के तरह यह आदेश दे सकता था।