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अब बैंक खाता खोलने और सिम खरीदने के लिए अनिवार्य नहीं आधार, सरकार लाई अध्यादेश

अब बैंक खाता खोलने और सिम खरीदने के लिए अनिवार्य नहीं आधार, सरकार लाई अध्यादेश

Mar 01, 2019
12:53 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को आधार कार्ड संबंधी एक अध्यादेश को मंजूरी दी। इसके बाद अब लोग अपनी इच्छा से आधार को बैंक खाता खोलने और मोबाइन कनेक्शन लेने के लिए पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। अध्यादेश, बच्चों को 18 साल का होने पर आधार व्यवस्था से खुद को दूर करने का अधिकार भी देता है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद कानून और IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी।

राज्यसभा

राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था बिल

आधार संबंधी इस अध्यादेश को पहले बिल के तौर पर संसद में पेश किया गया था। यह लोकसभा में तो 4 जनवरी को पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया। अगर सरकार इस पर अध्यादेश नहीं लाती तो यह मौजूदा लोकसभा के भंग होने के साथ ही रद्द हो जाता। अध्यादेश की मदद से किए गए बदलावों के मुताबिक, अब एक बच्चे के पास 18 साल का होने पर आधार व्यवस्था से निकलने का विकल्प होगा।

आधार

आधार की जानकारी इकट्ठा करने पर भी प्रतिबंध

अध्यादेश में आधार उपयोग करने के नियमों और निजता का उल्लंघन करने पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश सेवा प्रदाताओं द्वारा ग्राहकों की मूल बायोमेट्रिक जानकारी और आधार नंबर को अपने पास इकट्ठा करने पर भी प्रतिबंध लगाता है। कानून मंत्री ने कहा, "टेलीग्राफ अधिनियम और PMLA नियमों के तहत KYC के लिए आधार का स्वैच्छिक उपयोग किया जा सकता है। आधार का उपयोग कर रहे हर संगठन को निजता के नियमों का पालन करना होगा।"

बदलाव

बिना आधार भी खोल सकेंगे बैंक खाता

अध्यादेश में यह साफ कर दिया गया है कि अगर कोई अपना आधार देने से मना करता है तो उसे बैंक खाता खोलने या मोबाइल सिम लेने समेत किसी भी सेवा से मना नहीं किया जा सकता। संशोधन 12 डिजिट आधार नंबर और उसके वैकल्पिक नंबर पैदा करने का विकल्प भी देता है ताकि असली आधार नंबर को छिपाया जा सके। प्रस्तावित बदलाव आधार धारक का ऑफलाइन सत्यापन करने की व्यवस्था प्रक्रिया शुरु करने की बात भी करते हैं।

सजा

नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर दंड

अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई भी आधार अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उस पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। अगर इसके बाद भी वह नियमों का उल्लंघन जारी रखता है तो उस पर 10 लाख प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। अगर कोई आधार और उसकी जानकारी का अनधिकृत उपयोग करता है तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है और 1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है।