कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर क्या है सरकार की योजना और कौन सी वैक्सीनें आगे?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार अगले साल जुलाई तक देश के लगभग 25 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाने की योजना बना रही है। रविवार को इसके बारे में बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार को इस मकसद के लिए वैक्सीन की 40 से 50 करोड़ खुराकें मिलेंगी।
उन्होंने साफ किया कि सरकार का लक्ष्य देश के हर शख्स तक वैक्सीन पहुंचाना है और इसके लिए कड़ी मेहनत से तैयारी की जा रही है।
बयान
हर्षवर्धन ने कहा- वैक्सीनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करेगी सरकार
अपने सनडे संवाद कार्यक्रम में सोशल मीडिया यूजर्स के सवालों का जबाव देते हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "हमारी सरकार वैक्सीनों का उचित और न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम कर रही है। हमारी सबसे पहली प्राथमिकता देश के हर शख्स के लिए वैक्सीन सुनिश्चित करना है।"
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन लोगों की सूची बनाने को कहा गया है जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जानी है।
संवाद
केंद्रीय स्तर पर की जा रही वैक्सीनों की खरीद- हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने कहा, "वैक्सीनों की खरीद केंद्रीय स्तर पर की जा रही है और हर कंसाइनमेंट को रियल टाइम में ट्रैक किया जाएगा। अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी।"
उन्होंने कहा, "सरकार भारतीय वैक्सीन उत्पादकों को पूरा समर्थन दे रही है और वैक्सीन तक न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
उन्होंने कहा कि वैक्सीनों से संबंधित हर पहलू पर गौर करने के लिए सरकार ने विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
खर्च
पूनावाला ने कहा- वैक्सीन खरीद और वितरण में लगेंगे 80,000 करोड़ रुपये, सरकार बोली- सहमत नहीं
बता दें कि हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट प्रमुख अदर पूनावाला ने कहा था कि सभी तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए भारत सरकार को 80,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी और क्या उसके पास इतने पैसों की व्यवस्था है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने कहा था कि वह 80,000 के आंकड़े से सहमत नहीं है और उसके पास पर्याप्त फंड है।
पूनावाला ने सभी को वैक्सीन लगाने में दो साल का समय लगने की बात भी कही थी।
वैक्सीनें
इंसानी ट्रायल में हैं भारत की ये दो स्वदेशी वैक्सीनें
बता दें कि भारत में अभी तीन कोरोना वैक्सीनें इंसानी ट्रायल में हैं और इनमें से दो स्वदेशी हैं।
भारत बायोटेक और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की कोवैक्सिन वैक्सीन अभी ट्रायल के दूसरे चरण में है और इसी महीने इसका तीसरे चरण का ट्रायल शुरू होना है। वैक्सीन के अगले साल की शुरूआत तक बाजार में आने की उम्मीद है।
जायडस कैडिला की वैक्सीन को तीसरे चरण का ट्रायल शुरू करने के लिए मंजूरी का इंतजार है।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन की तीसरे चरण का ट्रायल जारी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की चर्चित कोरोना वायरस वैक्सीन तीसरे वो वैक्सीन है जिसका भारत में ट्रायल चल रहा है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इस वैक्सीन का उत्पादन करेगी और वही इसका ट्रायल कर रही है।
अभी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और नवंबर तक ये ट्रायल पूरा होने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो ये भारत में लॉन्च होने वाली पहली कोरोना वायरस वैक्सीन बन सकती है।