LAC पर भारतीय टैंकों की तैनाती का वीडियो जारी, माइनस 40 डिग्री पर कर सकेंगे काम
चीन के साथ तनाव के बीच भारत सरकार ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की तैनाती का वीडियो जारी किया है। वीडियो में चुमार और देमचोक में भारत के टी-90 और टी-72 टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को देखा जा सकता है। भारत की ये तैनाती दुनिया की सबसे ऊंची टैंक तैनातियों में शामिल है। ये टैंक और बख्तरबंद वाहन माइनस 40 डिग्री के तापमान में भी कार्य कर सकते हैं।
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स इतने कठोर इलाकों में तैनाती करने वाली एकमात्र फॉर्मेशन- सेना
लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली भारतीय सेना की 14 कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स भारतीय सेना और दुनिया की भी एकमात्र ऐसी फॉर्मेशन है जिसने ऐसे कठोर इलाके में अपने यंत्रीकृत बल तैनात कर रखे हैं। इन परिस्थितियों में टैंकों, इंफेंट्री कॉम्बेट विहीकल्स और भारी बंदूकों का रखरखाव एक बहुत बड़ी चुनौती है।" उन्होंने कहा कि लद्दाख में सर्दियां कठिन होने वाली हैं।
सर्दियों के लिए पर्याप्त मात्रा में स्टॉक जमा- मेजर जनरल कपूर
मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा, "जहां तक सर्दियों के लिए एडवांस में स्टॉक की बात है, हम पूरी तरह नियंत्रण में हैं। उच्च कैलोरी और पौष्टिक राशन, ईधन और तेल, सर्दियों के कपड़े और गर्म करने वाले उपकरण सभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।"
देखें टैंकों की तैनाती का वीडियो
लगभग 5,800 मीटर की ऊंचाई पर सर्दियां बिताने को तैयार भारतीय सैनिक
इसके अलावा भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर चार पर लगभग 5,800 मीटर की ऊंचाई पर सर्दियां बिताने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। यहां पर भारत और चीन की सेनाएं अलग-अलग चोटियों पर आमने-सामने तैनात हैं और सर्दियां दोनों सेनाओं की कड़ी परीक्षा लेने वाली है। इसमें सियाचिन का अनुभव भारतीय सेना के बहुत काम आएगा। इलाके में बर्फ पड़ना शुरू हो गई है और दिपावली तक सर्दी अपने चरम पर होगी।
LAC पर चार जगहों पर आमने-सामने हैं दोनों देशों के सैनिक
बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं। पहली तीन जगहों पर तो चीनी सैनिक भारत की जमीन पर बैठे हुए हैं। फिंगर्स एरिया और चुशूल में स्थिति सबसे अधिक नाजुक है और यहां कहीं-कहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300-500 मीटर का फासला है।
अक्साई चिन में भी चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की गई है।
तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी, लेकिन जल्द निपटारे की उम्मीद कम
दोनों पक्षों में तनाव कम करने के लिए बातचीत भी जारी है और 10 सितंबर को हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। इसके अलावा 21 सितंबर को हुई सैन्य बैठक में दोनों देश LAC पर और सैनिक भेजना बंद करने पर सहमत हुए। हालांकि विवाद का निपटारा जल्द होने की उम्मीदें बेहद कम हैं और दोनों देश लंबे गतिरोध की तैयारी कर चुके हैं।