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    गूगल बार्ड और ChatGPT में हैं ये बड़े अंतर, जानें किसने बनाई बढ़त
    टेक्नोलॉजी

    गूगल बार्ड और ChatGPT में हैं ये बड़े अंतर, जानें किसने बनाई बढ़त

    लेखन रजनीश
    May 15, 2023 | 05:22 pm 1 मिनट में पढ़ें
    गूगल बार्ड और ChatGPT में हैं ये बड़े अंतर, जानें किसने बनाई बढ़त
    ChatGPT को टक्कर देने के लिए अब गूगल का बार्ड आ गया है

    गूगल ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट बार्ड को 180 से अधिक देशों में उपलब्ध करा दिया है। इसका मुकाबला पहले से मौजूद OpenAI के लोकप्रिय AI चैटबॉट ChatGPT से है। गूगल ने ChatGPT के प्रतिद्वंदी के रूप में बार्ड को पहले मार्च में जल्दबाजी में पेश किया था। आम लोगों के लिए उपलब्ध होने के बाद अब बार्ड की भी चर्चा में है तो इनकी तुलना होना स्वाभााविक है। जान लेते हैं कि इन दोनों के फीचर्स क्या हैं।

    बार्ड में है इंटरनेट एक्सेस का फीचर

    ChatGPT और बार्ड दोनों ही मुफ्त में उपलब्ध हैं और इन्हें इनकी वेबसाइट पर जाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। ChatGPT डिफॉल्ट रूप से इंटरनेट एक्सेस के साथ नहीं आता, जबकि बार्ड इंटरनेट एक्सेस के साथ आता है। इस मामले में बार्ड को बढ़त मिलती है। इंटरनेट एक्सेस होने के चलते बार्ड यूजर्स को जवाब देने के लिए इंटरनेट पर मौजूद जानकारी की मदद ले सकता है वहीं ChatGPT अपने डाटाबेस और ट्रेनिंग पर ही निर्भर है।

    नहीं है ChatGPT का मोबाइल वर्जन

    ChatGPT का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अभी इसका मोबाइल वर्जन उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कई यूजर्स ब्राउजर के जरिए ChatGPT का उपयोग अपने स्मार्टफोन पर कर रहे हैं। गूगल बार्ड भी स्मार्टफोन पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन गूगल इसे अपने कई ऐप्स में इंटीग्रेट करेगी। ऐसे में यूजर्स उन ऐप्स के जरिए अपने फोन में भी बार्ड को एक्सेस कर पाएंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल बार्ड को एक अलग प्रोडक्ट के तौर पर नहीं पेश करना चाहती।

    टेक्स्ट प्रतिक्रिया में तस्वीरें देने में सक्षम है बार्ड

    ChatGPT अधिक व्यापक टेक्स्ट प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में सक्षम है, लेकिन तस्वीरों के साथ प्रतिक्रिया देने में यह उतना प्रभावी तरीके से काम नहीं करता। बार्ड टेक्स्ट प्रतिक्रिया में तस्वीरें देने में भी सक्षम है। गूगल ने बार्ड की इस क्षमता को लॉन्चिंग के दौरान डेमो में दिखाया भी था। हालांकि, अभी यह अपने शुरुआती दौर में है तो कई बार ये टेक्स्ट रिस्पॉन्स के साथ तस्वीरें नहीं दिखाता। शायद धीरे-धीरे यह फीचर रोल आउट किया जाए।

    ChatGPT के फ्री वर्जन में नहीं है प्लगइन्स

    गूगल ने घोषणा की है कि बार्ड में वॉलमार्ट, स्पॉटिफाई, उबर ईट्स, एडोब फायरफ्लाई सहित गूगल के कई ऐप्स प्लगइन होंगे। OpenAI ने भी मार्च में ChatGPT के लिए इसी तरह के प्लगइन्स पेश किए थे। अंतर यह है कि ChatGPT के प्लगइन्स उन्हीं यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं, जिनके पास ChatGPT प्लस का सब्सक्रिप्शन है। ChatGPT प्लस प्रीमियम सर्विस है और इसके लिए लगभग 1,600 रुपये प्रति महीने चार्ज देना होता है। इसमें कई अन्य फीचर्स भी मिलते हैं।

    तस्वीरों को भी प्रॉम्प्ट्स के रूप में इस्तेमाल करता है बार्ड

    बार्ड की जो क्षमता या फीचर उसे सबसे अलग बनाती है, वो यह है कि इसमें यूजर्स तस्वीरों को भी इनपुट या प्रॉम्प्ट्स के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा गूगल लेंस के जरिए तस्वीर को स्कैन करके भी उसे प्रॉम्प्ट्स के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उस तस्वीर से जुड़ी लगभग सभी तरह की जानकारी बार्ड से मिल जाएगी। कहा जा सकता है कि बार्ड संकेतों को समझने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।

    वॉयस प्रॉम्प्ट्स से लैस है बार्ड

    ChatGPT में तस्वीरों को न समझ पाने के साथ ही आवाज को भी समझने की क्षमता नहीं है। बार्ड में वाइस प्रॉम्प्ट्स का भी फीचर दिया गया है। यह फीचर मल्टीटास्किंग के दौरान उपयोगी साबित होगा। कोई दूसरा काम करते हुए भी सिर्फ बोलकर बार्ड को इनपुट दिया जा सकेगा। कहा जा रहा है कि यह पहली बार है, जब किसी AI चैटबॉट में वॉयस प्रॉम्प्ट्स का फीचर दिया गया है। इस मामले में भी यह बाकियों से आगे है।

    बड़े काम का है बार्ड का एक्सपोर्ट रिजल्ट फीचर

    गूगल बार्ड के रिजल्ट को दोस्तो और सहकर्मियों के साथ करने के लिए इसमें एक्सपोर्ट रिजल्ट फीचर दिया गया है। हर रिस्पॉन्स में यूजर्स को लाइक, डिसलाइक और शेयर बटन देखने को मिलेगा। इस एक्सपोर्ट फंक्शन के जरिए ईमेल तैयार करना भी आसान होगा। ChatGPT में इस तरह के फीचर के लिए कई एक्सटेंशन दिए गए हैं, जबकि बार्ड में डिफॉल्ट रूप से एक्सपोर्ट फीचर दिया गया है। यह उसे ChatGPT के मुकाबले बढ़त दिलाता है।

    कोडिंग के मामले में पिछड़ा ChatGPT

    जब प्रोग्रामिंग की बात आती है तो बार्ड 20 से अधिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सपोर्ट करता है और ChatGPT इस मामले में पीछे है। इन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में C++, पाइथन, जावा, टाइपस्क्रिप्ट, जावास्क्रिप्ट आदि शामिल हैं। गूगल के अनुसार, बार्ड प्रोफेशनल या कोडिंग करने वाले लोगों को कोड जनरेशन, एक्सप्लेनेशन और डिबगिंग में मदद करने में सक्षम है। ChatGPT को अभी इसमें महारथ नहीं है। इसके लिए OpenAI का एक अन्य प्रोडक्ट कोडेक्स है।

    AI चैटबॉट लॉन्च करने की मची होड़

    यह AI चैटबॉट्स का दौर है। दिग्गज टेक कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, मेटा आदि के बीच एक-दूसरे से बेहतर AI चैटबॉट लॉन्च करने की होड़ मची है। इस दौड़ की शुरुआत OpenAI ने ChatGPT को लॉन्च करके की थी। OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट ने पैसा निवेश किया है और अपने सर्च इंजन बिंग से लेकर ब्राउजर एज को AI से लैस कर गूगल की नींद उड़ा दी। अब गूगल ने भी एडवांस AI चैटबॉट पेश कर दिया है।

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