ChatGPT की गलत जानकारी से OpenAI पर हो सकता है मानहानि का पहला मुकदमा, जानें मामला
ChatGPT पर कुछ देशों में बैन लगने और कहीं इसके खिलाफ जांच शुरू करने की खबरों के बीच अब इस पर झूठी जानकारी देने का भी आरोप लगा है। दरअसल, ChatGPT ने एक क्षेत्रीय ऑस्ट्रेलियाई महापौर के बारे में बताया कि उसने रिश्वतखोरी के आरोप में जेल में सजा काटी है। अब महापौर ChatGPT द्वारा दी गई इस जानकारी को लेकर इसको बनाने वाली कंपनी OpenAI पर मानहानि का मुकदमा करने की तैयारी में है।
ChatGPT ने मेयर को बताया रिश्वत कांड का दोषी
पिछले साल नवंबर में मेलबॉर्न से 120 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में हेपबर्न शायर के मेयर चुने गए ब्रायन हूड अपनी प्रतिष्ठा के बारे में तब चिंतित हो गए जब लोगों ने उन्हें बताया कि ChatGPT ने उन्हें एक विदेशी रिश्वत कांड में दोषी बताया। ये रिश्वत कांड वर्ष 2000 की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया की सहायक कंपनी से जुड़ा था। हूड यदि मुकदमा करते हैं तो यह पहली बार होगा जब कोई OpenAI पर मानहानि मुकदमा करेगा।
भूमिका के हिसाब से मेयर की प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण
हूड की लॉ फर्म गॉर्डन लीगल के पार्टनर जेम्स नॉटन ने रॉयटर्स को बताया कि संभावित रूप से यह इस अर्थ में ऐतिहासिक क्षण होगा कि मानहानि कानून एक नए युग में प्रवेश कर रहा है और अब ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और IT से जुड़े क्षेत्रों में लागू होगा। नॉटन ने कहा कि हूड एक निर्वाचित अधिकारी हैं और उनकी जो भूमिका है उसमें उनकी प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण है। ऐसे में इस गलत जानकारी से उन्हें फर्क पड़ता है।
2 करोड़ रुपये के आस-पास होती है मानहानि की सीमा
ऑस्ट्रेलियाई मानहानि क्षति के भुगतान की सीमा आमतौर पर 2 करोड़ रुपये के आस-पास होती है। नॉटन ने कहा कि हूड के पास इस बात की सटीक जानकारी नहीं है कि कितने लोगों को उनके बारे में ChatGPT के जरिए झूठी जानकारी मिली है, लेकिन मेयर के पद, प्रतिष्ठा और उनकी भूमिका को देखते हुए इस तरह के गलत जानकारी की प्रकृति इतनी गंभीर है कि वो 1.65 करोड़ रुपये से अधिक के मानिहान का दावा कर सकते थे।
OpenAI को दिया गया 28 दिन का समय
रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों ने 21 मार्च को OpenAI को पत्र भेजकर जानकारी को सही करने या मुकदमा झेलने के लिए 28 दिन का समय दिया है। OpenAI ने अभी तक हूड के कानूनी पत्र का जवाब नहीं दिया है। ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट ने पैसा निवेश किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी में अपने सर्च इंजन बिंग में भी ChatGPT को इंटीग्रेट किया है।
इटली ने लगाया है ChatGPT पर बैन
ChatGPT इस समय कई मुश्किलों से जूझ रहा है। हाल ही में इटली ने यूजर्स के बैंक से जुड़ी जानकारियां और उनका पर्सनल डाटा इकट्ठा करने और उसे दूसरे यूजर्स के साथ शेयर करने के आरोप में ChatGPT पर बैन लगाया है। इसके बाद कनाडा ने भी OpenAI खिलाफ जांच शुरू की है। दूसरी तरफ एलन मस्क सहित कई टेक दिग्गज ChatGPT जैसे अन्य AI टूल के संभावित खतरों को लेकर इनके डेवलपमेंट पर रोक की मांग कर रहे हैं।
क्या है ChatGPT?
ChatGPT जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है। ये इनपुट का जवाब अपने विशाल डाटाबेस से देता है। अपने डाटा को और बेहतरीन बनाने के लिए ChatGPT यूजर्स के इनपुट और यूजर्स की बातचीत को भी इकट्ठा करता है। इसके पास इस डाटा को प्रॉसेस करने की भी क्षमता है। OpenAI ने हाल ही में अपना GPT-4 मॉडल पेश किया है जो इसके पुराने GPT-3, GPT-3.5 मॉडल से तेज और सटीक जानकारी देता है। GPT-4 इमेज इनपुट में भी सक्षम है।