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अमेजन ने भी जारी किया AI लैंग्वेज मॉडल, GPT-3.5 से बेहतर है रिजल्ट
अमेजन ने एक नया लैंग्वेज मॉडल जारी किया है

अमेजन ने भी जारी किया AI लैंग्वेज मॉडल, GPT-3.5 से बेहतर है रिजल्ट

लेखन रजनीश
Feb 12, 2023
07:00 pm

क्या है खबर?

इंटरनेट और टेक की दुनिया में फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दौर चल रहा है। कंपनियां अपनी ऐप, वेबसाइट और ब्राउजर को तो AI से लैस कर ही रही हैं। साथ ही AI को और बेहतर बनाने के लिए नए लैंग्वेज मॉडल लॉन्च किए जा रहे हैं। अब अमेजन ने एक नया लैंग्वेज मॉडल जारी किया है। यह ScienceQA बेंचमार्क पर GPT-3.5 के मुकाबले 75.1 प्रतिशत से लेकर 91.6 प्रतिशत तक सटीक उत्तर देने में सक्षम है।

अमेजन

अमेजन के लैंग्वेज मॉडल को मिला अच्छा स्करो  

फिलहाल इन सभी का सीधा मुकाबला OpenAI के ChatGPT से है। गूगल ने भी OpenAI के ChatGPT से मुकाबले के लिए हाल ही में अपना चैटबॉट बार्ड लॉन्च किया है। अमेजन के इस नए लैंग्वेज मॉडल के बारे में ScienceQA बेंचमार्क के आधार पर कहा जा रहा है कि यह GPT-3.5 के मुकाबले 16 प्रतिशत प्वाइंट (75.17 प्रतिशत) ज्यादा सटीक काम करता है और इसे कई मनुष्यों से से बेहतर प्रदर्शन करने वाला भी बताया गया है।

बेंचमार्क

टेक्नोलॉजी ने बड़े लैंग्वेज मॉडल पर काम को आसान बनाया

ScienceQA बेंचमार्क की बात करें तो ये एक ऐसा सेट है, जहां विज्ञान से जुड़े ढ़ेरों प्रश्न हैं। इसमें 21,000 से ज्यादा मल्टीमॉडल बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) हैं। ये बेंचमार्क लैग्वेज मॉडल की सटीकता को स्कोर प्वाइंट और प्रतिशत में मापता है। हाल में AI से जुड़ी टेक्नोलॉजी काफी एडवांस हुई है, जिसने बड़े लैंग्वेज मॉडल (LLMs) के लिए जटिल तर्क से जुड़े कार्यों पर प्रदर्शन करना संभव बना दिया है। यह काम चेन-ऑफ-थॉट (CoT) के जरिये किया जाता है।

जेनरेटिव

सभी कंपनियों के अपने AI चैटबॉट

सभी कंपनियां अपनी ऐप, वेबसाइट और सॉफ्टवेयर आदि को बेहतर बनाने के लिए AI चैटबॉट का इस्तेमाल कर रही हैं। ये AI चैटबॉट लैंग्वेज मॉडल पर काम करते हैं। लैंग्वेज मॉडल भी कई तरह के होते हैं, लेकिन चैटबॉट के लिए जेनरेटिव लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी कंपनियों के अपने अलग-अलग लैंग्वेज मॉडल हैं। लैंग्वेज मॉडल का खेल कुछ ऐसा है कि जिसका लैंग्वेज मॉडल जितना बेहतर होगा वो उतना बेहतर रिजल्ट और प्रतिक्रिया देगा।

गूगल

सभी चैटबॉट का अलग लैंग्वेज मॉडल

बात करें OpenAI के ChatGPT की तो इसमें जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (GPT) लैंग्वेज मॉडल का यूज किया गया है। इसी तरह गूगल ने हाल ही में अपना AI चैटबॉट बार्ड लॉन्च किया है, जो गूगल के LaMDA लैंग्वेज मॉडल पर आधारित है। ChatGPT जहां आपके इनपुट पर इंसानों की तरह प्रतिक्रिया और उत्तर देता है, वहीं बार्ड को वेब से जानकारी निकालने के लिए डिजाइन किया गया है, जो इसे एक अनूठी और नई AI सर्विस बनाता है।

सीमाएं

जितना डाटा, उतनी जानकारी

इनकी अपनी सीमाएं भी हैं, जिनके बारे में इनको बनाने वाली कंपनियां भी खुलकर बता चुकी हैं। जैसे ChatGPT के पास 2021 के बाद के घटनाक्रम से जुड़ी ज्यादा और सही जानकारी नहीं है क्योंकि इसे उससे पहले तक के डाटा पर ही ट्रेंड किया गया है। बार्ड की बात करें तो इसे वेब से जानकारी निकालने के लिए डिजाइन किया गया है तो ये विभिन्न वेबसाइटों में मौजूद जानकारी आपको उपलब्ध कराएगा।

काम

सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाना है मकसद

इन सभी तरह के AI चैटबॉट और लैंग्वेज मॉडल का काम आपके इंटरनेट पर चीजों को सर्च करने के तरीके को आसान बनाना और साधारण सर्च रिजल्ट के मुकाबले बेहतरीन और सटीक सर्च रिजल्ट प्रदान करना है। अभी आपको अपने प्रश्नों से जुड़ी जानकारी का सटीक जवाब पाने के लिए की-वर्ड का सेलेक्शन भी बेहतर करना होता है, लेकिन इनका उद्देश्य यही है कि ये कम की-वर्ड इनपुट के बाद भी आपके सर्च का बेहतरीन रिजल्ट दे पाएं।