गूगल क्लाउड में मिलाई गई AI चिप टीम, क्या माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन को दे पाएगी टक्कर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ में गूगल पिछड़ती हुई दिख रही है। गूगल को AI के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट, OpenAI और अमेजन सहित अन्य कंपनियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। AI में अपने पैर जमाने के लिए गूगल कई तरह के प्रयास कर रही है। गूगल ने अपनी AI चिप इंजीनियरिंग टीम को भी गूगल क्लाउड में मिला दिया है। AI को लेकर गूगल ने डीपब्रेन सहित कई अन्य फैसले भी लिए हैं।
कंपनियों के बीच AI-आधारित प्रोडक्ट्स तैयार करने का मुकाबला
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में मजबूती के लिए कंपनी ने हाल ही में AI के क्षेत्र में काम करने वाले अपने 2 AI डिवीजन डीपमाइंड और गूगल ब्रेन का विलय कर गूगल डीपब्रेन बनाया है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट-OpenAI, अमेजन और अन्य के बीच AI की दौड़ केवल AI रिसर्च और डेवलपमेंट तक नहीं है। इनके बीच सबसे बड़ा और मुख्य मुकाबला AI-आधारित प्रोडक्ट्स तैयार करने और उसके जरिए रेवेन्यू पैदा करने का है।
AI को लेकर गूगल की शुरुआत रही सुस्त
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में गूगल की शुरुआत सुस्त रही है। हालांकि, अब गूगल AI आधारित और AI इंटीग्रेटेड प्रोडक्ट्स की तेज लॉन्चिंग से अपनी सुस्त शुरुआत की भरपाई करने का प्रयास कर रही है। गूगल AI-आधारित क्लाउड सर्विसों पर भी फोकस कर सकती है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने द इंफॉर्मेशन को बताया कि इंजीनियरिंग AI चिप्स के लिए जिम्मेदार गूगल की टीम को क्लाउड यूनिट में स्थानांतरित कर दिया गया है।
माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन से है गूगल का मुख्य मुकाबला
पिछले महीने गूगल ने अपनी चिप इंफ्रास्ट्रक्चर टीम के काम को गूगल क्लाउड में स्थानांतरित कर दिया। गूगल के इस फैसले को कंपनी के AI-आधारित क्लाउड प्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करने के तौर पर देखा जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) पहले से ही क्लाउड पर AI सेवाएं प्रदान कर रही हैं। अब गूगल अपने प्रतिद्वंदियों की बराबरी करने के लिए AI पर तेजी से काम कर रही है।
ChatGPT से मुकाबले के लिए गूगल ने लॉन्च किया था बार्ड
माइक्रोसॉफ्ट कुछ समय से OpenAI सर्विस के जरिए अपने ग्राहकों को AI सर्विस दे रही है। इस मार्केट की बड़ी खिलाड़ी AWS ने भी इस महीने की शुरुआत में AI टेक्नोलॉजी के एक सूट की घोषणा करके माइक्रोसॉफ्ट की बराबरी कर ली है। गूगल ने AI की दौड़ तब शुरू की, जब OpenAI का ChatGPT लॉन्च होने के बाद कुछ महीने तक काफी लोकप्रिय हो गया। ChatGPT से मुकाबले के लिए गूगल ने बार्ड लॉन्च किया।
ये थी बार्ड की कमजोरी
पहली बात तो गूगल ने बार्ड को देरी से लॉन्च किया और लॉन्चिंग के वक्त बार्ड ने गलत जवाब दे दिया। इससे गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के शेयर गिर गए और उसे अरबों रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद बार्ड को लेकर गूगल की सक्रियता थोड़ी कम हो गई। हालांकि, अंदरखाने गूगल बार्ड पर काम कर रही थी। बार्ड की एक बड़ी कमजोरी यह भी थी कि ये कोडिंग करने में सक्षम नहीं था।
गूगल की AI प्लानिंग
गूगल ने अब बार्ड को प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की क्षमताओं के साथ अपडेट किया है। अब यह कोडिंग और डिबग करने की क्षमता से लैस है। गूगल के सबसे बड़े बिजनेस सर्च को भी माइक्रोसॉफ्ट के AI से लैस बिंग से झटका मिला। इसके लिए कंपनी ने प्रोजेक्ट मैगी शुरू किया और इसके तहत गूगल एक नया सर्च इंजन और वर्तमान सर्च इंजन को AI से लैस करने की तैयारी में लगी है।