
यूरोपीय संघ ने ऐपल और मेटा पर लगाया बड़ा जुर्माना, अमेरिका ने जताई कड़ी आपत्ति
क्या है खबर?
यूरोपीय संघ (EU) ने पहली बार बड़ी टेक कंपनियों पर एंटीट्रस्ट नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की है।
ऐपल पर लगभग 4,800 करोड़ रुपये और मेटा पर लगभग 1,900 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यह जुर्माना डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) नाम के कानून के तहत लगाया गया, जिसका मकसद बड़ी कंपनियों की ताकत को कम करना और छोटे प्रतियोगियों को बाजार में मौका देना है। यूरोपीय आयोग ने 1 साल की जांच के बाद यह फैसला सुनाया है।
आपत्ति
अमेरिका ने जताई कड़ी आपत्ति
अमेरिका ने EU की इस कार्रवाई को आर्थिक जबरन वसूली का नया रूप बताया है।
व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि यह जुर्माना अमेरिका की बड़ी कंपनियों को निशाना बना रहा है, जो स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे नियम नवाचार को नुकसान पहुंचाते हैं, कंपनियों को कमजोर करते हैं और व्यापार में बाधा डालते हैं।
अमेरिका ने यह भी कहा कि इससे लोकतांत्रिक समाज को खतरा हो सकता है।
तनाव
बढ़ सकता है अमेरिका-यूरोप का तनाव
इस जुर्माने से अमेरिका और EU के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही ऐसे देशों को टैरिफ लगाने की चेतावनी दे चुके हैं, जो अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाते हैं। अमेरिका का कहना है कि DMA कानून भेदभावपूर्ण है और सिर्फ अमेरिकी कंपनियों को ही निशाना बनाता है।
इस मामले से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में खटास आ सकती है और टेक कंपनियों पर असर भी दिख सकता है।