केंद्र ने सरकारी ऐप पहले से इंस्टॉल करने के लिए गूगल-ऐपल से किया आग्रह
क्या है खबर?
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने अपने डिवाइस में सरकारी ऐप्स को पहले से इंस्टॉल करने के प्रस्ताव के साथ तकनीकी दिग्गज गूगल और ऐपल से संपर्क किया है।
इसके पीछे मंशा है कि स्मार्टफोन निर्माता आधिकारिक ऐप स्टोर GOV.in को iOS और एंड्राॅयड ऐप बाजार तक पहुंचने की अनुमति दें।
सरकार यह भी चाहती है कि ये ऐप्स डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल हों या 'अविश्वसनीय स्रोत' चेतावनियों को ट्रिगर किए बिना डाउनलोड के लिए उपलब्ध हों।
मंशा
क्या है इसके पीछे सरकार की मंशा?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहल प्रौद्योगिकी के माध्यम से सार्वजनिक कल्याण की योजनाओं का लाभ लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने की भारत सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
इस योजना के हिस्से के रूप में मंत्रालय के अधिकारियों ने ऐपल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर में GOV.in ऐप स्टोर को शामिल करने के लिए कहा है।
पिछले महीने ऐपल और गूगल के अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान यह अनुरोध किया गया था।
इनकार
कंपनियां नहीं ले रहीं रुचि
रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि न तो गूगल और न ही ऐपल भारत सरकार की मांगों का अनुपालन करने की संभावना है।
इनकी अनिच्छा को देखते हुए भारतीय अधिकारी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कानूनी उपायों या नीतिगत आदेशों पर विचार कर रहे हैं।
वर्तमान में, सरकारी इनके ऐप स्टोर में अगल-अलग उपलब्ध हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन ऐप्स को स्टोर के भीतर GOV.in ऐप सूट में बंडल करने से इनका उपयोग काफी बढ़ सकता है।