प्लूटो के चंद्रमा पर हो सकता है महासागर, शोधकर्ताओं ने लगाया ये अनुमान
अंतरिक्ष से जुड़ी नई खोज और घटनाएं खगोल वैज्ञानिकों के शोधकार्यों को आगे बढ़ाने में मददगार होती हैं। हाल ही में सूर्य का टुकड़ा टूटने की घटना ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया था। अब शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि सौरमंडल के किनारे पर प्लूटो के एक उपग्रह (चंद्रमा) कैरन की सतह के नीचे एक महासागर हो सकता है। कैरन, प्लूटो सिस्टम का वो हिस्सा है, जिसे एक दशक पहले एक ग्रह के रूप में त्याग दिया गया था।
प्लूटो पर मौजूद हैं जियोलॉजिक रूप से सक्रिय वस्तुएं
प्लूटो की यात्रा करने वाला नासा का एकमात्र अंतरिक्षयान न्यू होराइजन्स जुलाई 2015 में इसके पास से गुजरा था। उससे मिले डाटा के विश्लेषण से अब पता चला है कि निष्क्रिय बर्फीली वस्तुओं की मौजूदगी के बारे में पहले से की गई कल्पना के उलट वहां जियोलॉजिकल रूप से सक्रिय वस्तुएं हैं। साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने प्लूटो के बड़े चंद्रमा कैरन पर क्रायोवॉल्केनिक प्रवाह और फ्रैक्चर के बेल्ट के स्त्रोत को समझने की कोशिश की है।
उपसतह पर जमे हुए महासागर के कारण हो सकती हैं दरारें
'क्रायोवॉल्केनिज्म' का इस्तेमाल बर्फीले जल के विस्फोट के लिए किया जाता है। रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि ये दरारें उपसतह पर जमे महासागर के कारण हो सकती हैं, जो फट रहा है। नए मॉडल से पता चलता है कि जब चंद्रमा का आंतरिक महासागर जम गया तो उसने संभवत: अपनी परिधि के साथ गहरे और लंबे गड्ढे बनाए हों। हालांकि, इसके उत्तरी गोलार्ध में बर्फ, पानी और अन्य सामग्रियों के साथ क्रायोवॉल्केनो की संभावना कम थी।
प्लूटो का सबसे बड़ा चंद्रमा है कैरन
साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भूगर्भीय व्याख्याओं और थर्मल ऑर्बिटल इवोल्यूशन मॉडल के संयोजन का अर्थ है कि कैरन में सतही तौर पर पानी और संभवत: एक अमोनिया महासागर था जो अंतत: जम गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि ओशन फ्रीजिंग भी भूगर्भिक गतिविधि के एक क्रम की भविष्यवाणी करता है, जिसमें कैरन के भूगर्भिक रिकॉर्ड का अधिक विस्तृत विश्लेषण यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या ऐसी स्थिति संभव है।
बर्फ से बना है प्लूटो पर मौजूद पहाड़ी टीला
कुछ महीनों पहले अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के न्यू होराइज़न्स यान ने प्लूटो के बारे में रोचक जानकारियां भेजी थी। उन जानकारियों के आधार पर जांच से पता चला था कि बर्फीले लावा से इसकी सतह का बड़ा हिस्सा ढका हुआ है। प्लूटो पर राइट मॉन्स नामक एक पहाड़ी टीला भी पाया गया था। वैज्ञानिकों ने माना कि प्लूटो पर मौजूद ये टीले नाइट्रोजन या मीथेन और बर्फ की जगह पानी या बर्फ से बने हैं।