ISRO ने शेयर की चंद्रयान-2 से ली गईं पृथ्वी की बेहद खूबसूरत तस्वीरें, तारीफों की बरसात
पूरा भारत बेसब्री से चंद्रयान-2 के चांद पर पहुंचने का इंतजार कर रहा है। इस इंतजार के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज चंद्रयान-2 से खींची गई पृथ्वी की 5 तस्वीरें ट्वीट की। इन तस्वीरों में पृथ्वी की खूबसूरती ने ट्विटर यूजर्स को गर्व और रोमांच से भर दिया और इन्हें बेहद पसंद किया जा रहा है। बता दें कि चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा के पूर्व निर्धारित 5 में से 4 चक्कर सफलतापूर्वक लगा चुका है।
चंद्रयान-2 से बेहद खूबसूरत दिख रही पृथ्वी
चंद्रयान-2 ने 3 अगस्त को खीचीं तस्वीरें
ISRO ने रविवार लगभग 12 बजे चंद्रयान-2 से ली गई पृथ्वी की तस्वीरें ट्वीट कीं। विभिन्न कोणों से ली गई इन तस्वीरों में पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों को देखा जा सकता है। चंद्रयान-2 ने ये तस्वीरें एक दिन पहले 3 अगस्त को ली थीं। ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ के बीच कई यूजर्स पृथ्वी की खूबसूरती पर विस्मित हुए बिना नहीं रह पाए। एक यूजर ने इसे ISRO की तरफ से 1.3 अरब लोगों को सबसे बेहतर तोहफा बताया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं झूठी तस्वीरें
बता दें कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर भी कुछ तस्वीरें वायरल हुईं थीं, जिनके बारे में दावा किया गया था कि ये चंद्रयान-2 से ली गई हैं। हालांकि बाद में ये दावा झूठा साबित हुआ।
चंंद्रयान-2 ने पूरे किए पृथ्वी के 5 में से 4 चक्कर
इससे पहले शुक्रवार को चंद्रयान-2 ने योजना के तहत पृथ्वी की कक्षा का चौथा चक्कर पूरा किया। अब वह पृथ्वी की कक्षा का एक चक्कर और लगाएगा, जिसके बाद वह पृथ्वी की कक्षा से बाहर हो जाएगा और चंद्रमा की तरफ अपने सफर की शुरूआत करेगा। पहले ऐसे चक्करों की संख्या 6 थी, लेकिन लॉन्च व्हीकल मार्क-III के उम्मीद से बेहतर के कारण इनकी संख्या 5 कर दी गई और इससे ईधन की भी बचत हुई।
चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला चौथा देश बन सकता है भारत
चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरने की पहली कोशिश है। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं। अगर भारत ऐसा करने में कामयाब रहता है तो वह ऐसा करने वाला मात्र चौथा देश होगा।
22 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2
ISRO ने 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इससे पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च होना था, लेकिन तकनीमी खामी के कारण इसकी लॉन्चिंग को रोक लिया गया था। दरअसल, रॉकेट इसके ऊपरी हिस्से में लगे क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खामी आ गई थी, जिसे बाद में दूर किया गया। ISRO प्रमुख सिवन ने इसे चंद्रमा की तरफ भारत के ऐतिहासिक सफर की शुरुआत बताया था।
क्या है चंद्रयान-2 का मिशन?
चंद्रयान-2 मॉड्यूल में एक ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं। ये सितंबर में चंद्रमा के दक्षिणी इलाके में उतरेगा। इस इलाके को बेहद मुश्किल माना जाता है और अभी तक कोई भी देश इस इलाके में नहीं गया है। यहां रोवर चांद की सतह पर मैग्निशियम, कैल्शियम जैसे खनिज तत्वों को खोजने, पानी की मौजूदगी को तलाशने और चांद की बाहरी परत की जांच की कोशिश करेगा। इसका काम चंद्रयान-1 के शानदार काम को और आगे बढ़ाना है।
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