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    अंतरिक्ष में मिली एक सुपर अर्थ, जहां हैं जीवन की संभावनाएं- रिसर्च
    रेड ड्वार्फ स्टार इस ग्रह के सूरज की तरह काम करता है।

    अंतरिक्ष में मिली एक सुपर अर्थ, जहां हैं जीवन की संभावनाएं- रिसर्च

    लेखन प्राणेश तिवारी
    Aug 04, 2022
    07:48 pm

    क्या है खबर?

    वैज्ञानिक लंबे वक्त से ऐसे ग्रह की तलाश में जुटे हैं, जहां धरती की तरह जीवन के लिए जरूरी संभावनाएं हों।

    हर बार जब किसी नए ग्रह से जुड़ी जानकारी सामने आती है, तो उम्मीद बढ़ जाती है।

    अब अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने एक सुपर अर्थ का पता लगाया है, जो इसके रेड ड्वार्फ स्टार के पास स्थित है।

    यह रेड ड्वार्फ स्टार इस ग्रह के सूरज की तरह काम करता है और इसपर जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं।

    खोज

    सुबरू टेलीस्कोप की मदद से सुपर अर्थ की खोज

    सुपर अर्थ या फिर रॉस 508 बी (Ross 508 b) को सुबारू स्ट्रैटजिक प्रोग्राम ने सुबरू टेलीस्कोप के इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ (IRD) की मदद से खोजा गया है।

    ऐसा इस ग्रह के रेड ड्वार्फ स्टार पर फोकस करने के चलते संभव हो सका, जो काम स्पेस टेलीस्कोप पहले भी करता रहा है।

    बता दें, ऐसे रेड ड्वार्फ स्टार्स हमारे सौरमंडल के आसपास बड़ी संख्या में हैं और हमारी आकाशगंगा का करीब तीन चौथाई हिस्सा हैं।

    चुनौती

    अपनी जगह बदलता रहता है यह ग्रह

    नए ग्रह से जुड़ी बड़ी चुनौती यह है कि यह एक कक्षा में चक्कर ना लगाते हुए हैबिटेबल जोन में आता-जाता रहता है और अपनी जगह बदलता रहता है।

    हालांकि, इस सुपर अर्थ की सतह पर पानी होने की उम्मीद की जा रही है, जिसके चलते यहां जीवन संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

    आने वाले दिनों में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से इसे बेहतर ढंग से ऑब्जर्व किया जा सकेगा और इसपर नजर रखी जाएगी।

    हैबिटेबल जोन

    जरूरी है हैबिटेबल जोन को समझना

    हैबिटेबल जोन किसी तारे के चारों ओर उस दूरी को कहते हैं, जिसके अंदर मौजूद ग्रह में पानी तरल अवस्था में मौजूद हो सकता है।

    इसे गोल्डीलॉक जोन भी कहते हैं, जिसमें जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं। यानी कि ये ग्रह ना तो ज्यादा गर्म होते हैं और ना ही ज्यादा ठंडे।

    अब सामने आई सुपर अर्थ इसी गोल्डीलॉक जोन से होकर अपनी कक्षा में चक्कर लगाती है।

    हालांकि, यह गोल्डीलॉक जोन के अंदर और बाहर आती-जाती रहती है।

    रेड ड्वार्फ स्टार

    रेड ड्वार्फ तारों का ऑब्जर्वेशन आसान नहीं

    रिसर्चर्स का कहना है कि रेड ड्वार्फ स्टार्स ब्रह्मांड में जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिहाज से महत्वपूर्ण , लेकिन उन पर नजर रखना बेहद मुश्किल है क्योंकि उन्हें दृश्य प्रकाश में देख पाना आसान नहीं है।

    इन तारों की सतह का तापमान 4000 डिग्री से कम होता है, जो धरती के सूर्य के मुकाबले कम है।

    अब तक खोजा गया एकमात्र अन्य तारा प्रॉक्सिमा सेंटॉरी बी है, जिसकी हैबिटेबल जोन में जीवन की संभावना वाले ग्रह हो सकते हैं।

    कक्षा

    अंडाकार कक्षा में घूमती है सुपर अर्थ

    अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की मानें तो संभव है कि रॉस 508 बी ग्रह अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाता हो।

    ऐसा होने पर हैबिटेबल जोन में यह 11 दिन के ऑर्बिटल पीरियड के साथ आएगा।

    रिसर्चर्स की टीम ने कहा, "मौजूदा टेलीस्कोप्स के साथ हम ग्रह की सीधी तस्वीर नहीं ले सकते क्योंकि अभी यह केंद्रीय तारे से बेहद करीब है। हालांकि, आने वाले दिनों में 30-मीटर क्लास टेलीस्कोप्स की मदद से इस ग्रह पर जीवन खोजा जाएगा।"

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