चंद्रयान-2 ने सफलतापूर्वक पार की बड़ी चुनौती, चंद्रमा की कक्षा में किया प्रवेश
चांद की सतह पर उतरने की राह में भारत ने मंगलवार को बड़ी उपलब्धि हासिल की। अपनी लॉन्चिंग के 29 दिन बाद चंद्रयान-2 मंगलवार को सुबह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। चंद्रयान-2 के लिए इसी बड़ी चुनौती माना जा रहा था, जिसे स्पेसक्राफ्ट ने सफलता से पार कर लिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह मील का पत्थर छूने के लिए स्पेसक्राफ्ट के लिक्विड इंजन को 1,738 सेकंड के लिए स्टार्ट किया था।
7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा चंद्रयान-2
ISRO ने बयान जारी कर बताया कि स्पेसक्राफ्ट की हालत पर कड़ी नजर रखी जा रही है और इसके सभी सिस्टम पूरी तरह ठीक है। 2 सितंबर को ऑर्बिटर से विक्रम लैंडर अलग हो जाएगा। 7 सितंबर को भारत का यह महत्वाकांक्षी मिशन चांद की सतह पर लैंड करेगा। अगर भारत ऐसा करने में कामयाब रहता है तो वह ऐसा करने वाला मात्र चौथा देश होगा। स्पेसक्राफ्ट 14 अगस्त को चांद की ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में दाखिल हुआ था।
स्पेसक्राफ्ट ने पार किया मील का पत्थर- सिवन
चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद ISRO प्रमुख ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट ने मील का पत्थर पार कर लिया। यह पूरी प्रक्रिया 30 मिनट तक चली। उसे सही तरीके से तय ऑर्बिट में रखा गया। अब यह 88 डिग्री के झुकाव के साथ चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। उन्होंने कहा कि अगला बड़ा इवेंट 2 सितंबर को होगा जब लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। इसके बाद लैंडर पर ध्यान होगा।
22 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2
ISRO ने 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इससे पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च होना था, लेकिन तकनीमी खामी के कारण इसकी लॉन्चिंग को रोक लिया गया था। दरअसल, रॉकेट इसके ऊपरी हिस्से में लगे क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खामी आ गई थी, जिसे बाद में दूर किया गया। ISRO प्रमुख सिवन ने इसे चंद्रमा की तरफ भारत के ऐतिहासिक सफर की शुरुआत बताया था।
क्या है चंद्रयान-2 का मिशन?
चंद्रयान-2 मॉड्यूल में एक ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं। ये सितंबर में चंद्रमा के दक्षिणी इलाके में उतरेगा। इस इलाके को बेहद मुश्किल माना जाता है और अभी तक कोई भी देश इस इलाके में नहीं गया है। यहां रोवर चांद की सतह पर मैग्निशियम, कैल्शियम जैसे खनिज तत्वों को खोजने, पानी की मौजूदगी को तलाशने और चांद की बाहरी परत की जांच की कोशिश करेगा। इसका काम चंद्रयान-1 के शानदार काम को और आगे बढ़ाना है।
चंद्रयान-2 ने 3 अगस्त को खीचीं तस्वीरें
ISRO ने इस महीने की शुरुआत में चंद्रयान-2 से ली गई पृथ्वी की तस्वीरें ट्वीट कीं। विभिन्न कोणों से ली गई इन तस्वीरों में पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों को देखा जा सकता है। चंद्रयान-2 ने ये तस्वीरें एक दिन पहले 3 अगस्त को ली थीं। ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ के बीच कई यूजर्स पृथ्वी की खूबसूरती पर विस्मित हुए बिना नहीं रह पाए। एक यूजर ने इसे ISRO की तरफ से 1.3 अरब लोगों को सबसे बेहतर तोहफा बताया।