#NewsBytesExplainer: लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से शब्दों को हटाए जाने का विवाद क्या है?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया था। हालांकि, अब उनके भाषण के कई हिस्सों को असंसदीय करार करते हुए लोकसभा की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। आइए जानते हैं कि असंसदीय शब्द क्या होते हैं और इन्हें सदन की कार्यवाही से हटाने के नियम क्या हैं।
राहुल के किन शब्दों को रिकॉर्ड हटाया गया?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राहुल के भाषण के अंश 'आप देशद्रोही हो', 'भारत माता की हत्या', 'आप हिन्दुस्तान के हत्यारे हो', 'मणिपुर में मेरी मां की हत्या हुई', 'लोकतंत्र की हत्या' आदि में से देशद्रोही, हत्या और हत्यारे जैसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। राहुल ने केंद्र पर बड़ा हमला करते हुए भाजपा को देशद्रोही बताया था और कहा था कि उन्होंने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है।
क्या कहते हैं सदन के नियम?
लोकसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 380 में स्पीकर (अध्यक्ष) को किसी सांसद के भाषण या उसके हिस्से को हटाने का अधिकार दिया गया है। अगर अध्यक्ष को लगता है कि कोई सांसद अपने भाषण में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो असंसदीय हैं या जिन्हें सार्वजनिक करना जनहित में नहीं है तो वह अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हुए भाषण के उस हिस्से को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दे सकते हैं।
शब्दों को हटाने का निर्णय कैसे होता है?
लोकसभा का रिपोर्टिंग अनुभाग असंसदीय शब्दों की एक रिपोर्ट बनाता है और अध्यक्ष या पीठासीन अधिकारी को प्रासंगिक नियमों का हवाला देते हुए उन्हें कार्यवाही से हटाने की सिफारिश भेजता है। नियम 381 के मुताबिक, सदन की कार्यवाही के दौरान जिस भाषण का अंश हटाया जाता है, उसे अलग तरीके से मार्क किया जाता है और कार्यवाही में एक फुटनोट डाला जाता है, जिसमें लिखा जाता है 'स्पीकर के आदेश पर इस हिस्से को हटाया गया।'
कौन-से शब्द असंसदीय होते हैं?
पिछले कुछ वर्षों में अंग्रेजी और अन्य भाषाओं के कई शब्दों को लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति द्वारा असंसदीय माना गया है और उन्हें संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। लोकसभा सचिवालय ने 'असंसदीय अभिव्यक्तियों' की एक पुस्तिका भी प्रकाशित की थी, जिसमें ऐसे शब्द शामिल हैं जिन्हें असभ्य या आपत्तिजनक माना जाता है। उदाहरण के लिए, हाल ही में 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि', 'शर्मिंदा', 'दुर्व्यवहार', 'विश्वासघात', 'भ्रष्ट' और 'पाखंड' जैसे शब्दों को असंसदीय माना गया था।
क्या पहले भी हटाए गए हैं राहुल के भाषण के अंश?
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल के भाषण के कुछ हिस्सों को हटाया गया है। इससे पहले फरवरी में बजट सत्र के दौरान भी लोकसभा में उनके भाषण के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया था। इनमें 'अडाणी के साथ एक प्लेन में चलते हैं', 'गुजरात में कैसे जादू शुरू हुआ' समेत करीब 19 वाक्यांश शामिल थे। दरअसल, राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी को लेकर एक भाषण दिया था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था।
कांग्रेस ने मामले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल के भाषण से निकाले गए शब्दों को बहाल करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, "'भारत माता की हत्या' वाक्यांश में से 'हत्या' शब्द को हटाने का आपका निर्णय समझ से बाहर है क्योंकि इसका उपयोग स्पष्ट रूप से रूपकात्मक था। यह सिर्फ बात बताने का एक साधन है कि भारत के पवित्र विचार को केंद्र सरकार ने नष्ट कर दिया है।"